बीकानेर,अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि सरेराह गाड़ियां रोककर लिफ्ट लेते हैं और गाड़ी लूटकर ले जाते हैं। ऐसी ही एक घटना बीकानेर के जेएनवीसी थाना में हैड कांस्टेबल गजेन्द्रसिह चारण के साथ भी हुई। चारण से लिफ्ट लेकर युवकों ने उन्हें पीटा-धमकाया, गाड़ी लेकर भाग गये। पुलिस की स्पेशल टीम ने काफी छानबीन कर युवकों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। अब उनसे पूछताछ हो रही है। कई वारदातें खुलने का अनुमान है।
जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने के हैड कांस्टेबल गजेन्द्रसिंह चारण अपने मित्र चंदनसिंह की वेन्यू गाड़ी लेकर देशनोक जा रहे थे। जोधपुर बाईपास पर गोविंद होटल के नजदीक 20-25 साल के दो लड़कों ने थोड़ी दूर छोड़ने का आग्रह किया। कुछ दूर चलने के बाद सड़क पर दो और लड़के खड़े थे। अंदर बैठे लड़कों ने वहीं रोकने को कहा। इसके साथ ही गजेन्द्रसिंह से मारपीट शुरू कर दी। वे जान बचाकर गाड़ी से कूदे और लड़के गाड़ी लेकर भाग गए।
मामला गंभीर था इसलिए आईजी ओमप्रकाश और एसपी तेजस्विनी गौतम तक पहुंचा। दोनों ने एडिशनल एसपी दीपक शर्मा और गंगाशहर सीओ मुकेश सोनी की देखरेख में डीएसटी व अन्य मिलाकर तीन टीमें बनाई
गंगाशहर थाना प्रभारी परमेश्वर सुथार की अगुवाई में बनी इस टीम ने पहले से चालानशुदा और संदिग्ध लोगों से पूछताछ शुरू की।
दूसरी टीम : डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम (डीएसटी) ने पूरे इलाके के सीसीटीवी चैक करने शुरू किए और लगभग 50 कैमरों का रिकॉर्ड खंगाला।
तीसरी टीम : साइबर सैल की इस टीम ने तकनीकी पहलुओं के लिहाज से लोकेशन तलाशने जैसे काम शुरू किये।
इन तीनों टीमों के संयुक्त प्रयास का नतीजा यह हुआ कि चार लोग संदेह के घेरे में आ गए। तीन अक्टूबर को हुई इस वारदात के चार दिनों में ही दो को पकड़ने में कामयाबी मिली है।
प्रकाश पुत्र गिरधारी लाल बिश्नोई, निवासी मोडायत बज्जू और दिनेश पुत्र भंवरलाल बिश्नोई निवासी धरनोक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके अलावा मोडायत निवासी संदीप पुत्र रामेश्वर बिश्नोई एवं धरनोक निवासी सुरेश बागूड़ा पुत्र ओमप्रकाश बागूड़ा इस मामले में फरार है। पूछताछ में सामने आया है कि इनमें से संदीप मादक पदार्थों के मामले में सूरतगढ़ का वांटेड अपराधी है। प्रकाश भी छीना-झपटी के एक मामले में बज्जू थाने का वांछित आरोपी है। गाड़ी लूटने की घटना को भी इन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ही अंजाम दिया था।
पूरे मामले में डीएसटी के हैड कांस्टेबल दीपक यादव व कांस्टेबल देवेन्द्र की वारदात का ट्रेस आउट करने और खुलासा करने में विशेष भूमिका रही।