बीकानेर, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि ब्रजभाषा दुनिया की मधुर भाषाओं में है। इस भाषा की रचनाएं मन को सुहाती हैं। ब्रज भाषा में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का बेहतरीन चित्रण किया गया है।
डॉ. कल्ला ने शुक्रवार को कला साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रवींद्र रंगमंच पर आयोजित अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बीकानेर कलाधर्मी शहर है। यहां के लोग साहित्य को पारखी हैं तथा इसे पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति विभाग साहित्यिक अकादमियों के माध्यम से प्रदेश भर में साहित्य से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसका उद्देश्य बीकानेर राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों की कला और संस्कृति को आमजन के बीच में ले जाना है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब पूरी रात कवि सम्मेलन चला करते थे, लेकिन मोबाइल और सोशल मीडिया के दौर में कविताएं आमजन से दूर होने लगी हैं। उन्होंने बीकानेर के मंचीय कवियों को याद किया तथा कहा कि कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से आमजन में सामाजिक चेतना जागृत की।
इस दौरान धौलपुर के बृजेंद्र चकोर, मथुरा के श्यामसुंदर अकिंचन, आगरा के शिवसागर शर्मा, कामां के डॉ. भगवान मकरंद, भरतपुर के चौधरी लक्ष्मण सिंह, जयपुर के वरुण चतुर्वेदी, आगरा की चेतना शर्मा तथा बीकानेर की प्रमिला गंंगल और राजेंद्र स्वर्णकार ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
इससे पहले सेवानिवृत्त एडीआरएम निर्मल कुमार शर्मा ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। अकादमी के सचिव गोपाल गुप्ता ने बताया कि देर रात तक चले कवि सम्मेलन में ब्रजभाषा के कवियों ने हास्य, श्रृंगार और वीर रस से ओत-प्रोत कविताओं की प्रस्तुति दी। राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के सदस्य और कार्यक्रम संयोजक बृजभूषण गोस्वामी ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया और आगंतुकों का आभार जताया।