बीकानेर/जयपुर,सरकार द्वारा कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित वेतन विसंगति परीक्षण समिति खेमराज कमेटी ने मंत्रालय कर्मचारियों की मांगों पर वार्ता हेतु अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त मंत्रालय कर्मचारी महासंघ (स्वतंत्र) को आमंत्रित किया। 17जुन को 11.00बजे आयोजित होने वाली इस बैठक में स्वतंत्र महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी का पांच सदस्यीय दल शामिल होगा। स्वतंत्र महासंघ का दल परीक्षण कमेटी को मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों पर निर्णायक प्रस्ताव सौंपेगा।
स्वतंत्र महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष व प्रवक्ता सागर पांचाल ने बताया की प्रदेश का मंत्रालयिक संवर्ग पिछले 25 वर्षों से विभिन्न सरकारों में आर्थिक भेदभाव का दंश झेलता हुआ आया है, 2013 में तत्कालीन राज्य सरकार के द्वारा मंत्रालय कर्मचारियों की ग्रेड पे में की गई बढ़ौतरी को पिछली भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में शेड्यूल 5 के तहत वेतन कटौती कर छीन लिया था, वर्तमान सरकार के द्वारा एसीपी पर होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया है किंतु शेड्यूल 5 के तहत जारी आदेशों को बहाल नहीं किए जाने के कारण वित्तीय मूल वेतन में होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकी है जिससे आज भी कर्मचारियों के मूल वेतन में 4000-10000रूपए का नुक़सान हर कर्मचारी को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत ने बताया कि महासंघ ने परीक्षण समिति से चर्चा हेतु मंत्रालयिक कर्मचारियों की वित्तीय मांगों के प्रस्ताव और ब्लूप्रिंट तैयार कर लिए हैं जिन्हें खेमराज कमेटी के समक्ष निर्णायक बिंदुओं के साथ रखा जाएगा। स्वतंत्र महासंघ जिन मुख्य मांगों पर प्रस्ताव कमेटी को सौंपेगा, उनमें मुख्य रूप से *1.कनिष्ठ लिपिक व अन्य समकक्ष संवर्ग को शैडयूल 5 के तहत राज्यादेश 30.10.2017को पूर्णतः बहाल कर छठे वेतन आयोग में मूल वेतन में 8080से पुनः 9840देकर सातवें वेतनमान के अनुसार निम्नतम बेसिक 25300/- का लाभ दिया जावें।*
*2.वर्ष 1985से आर्थिक भेदभाव झेल रहे मंत्रालयिक संवर्ग को स्टेट पेरिटी के आधार पर ग्रेड 2800का लाभ दिया जावे अन्यथा एक ही भर्ती से नियुक्त अधिनस्थ विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी सचिवालय समान वेतनमान भत्तों एवं पदौन्नति के अवसर प्रदान किए जावें।*
*3.शासन की रीढ़ मंत्रालयिक संवर्ग को स्टेशनरी भत्ता 1500/- एवं कम्प्यूटर भत्ता-3000/- रूपए की स्वीकृति जारी करवावें।*
प्रदेश परामर्शक मनीष विधानी ने अवगत करवाया कि राज्य सरकार द्वारा गठित खेमराज कमेटी के कार्यकाल सरकार द्वारा 3बार बढ़ाया जा चुका है, जिससे प्रदेश कै मंत्रालयिक कर्मचारियों की प्रतीक्षा का बांध टूटता जा रहा है, सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों को आर्थिक लाभ नहीं देंगी तब तक मंत्रालयिक संवर्ग की मूल आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है, आज आम बाबू को मात्र 14600रूपए के फिक्स वेतन पर घर 600-700किमी दूर काम करने को मजबूर हैं। समस्त विभागों में मंत्रालयिक संवर्ग के उच्च पदों का आवंटन किया गया है किंतु सरकार ने हमारे कनिष्ठ पदों को कम करके उच्च पदों का आवंटन किया है, जबकि कनिष्ठ पदों को यथावत कर ही उच्च पदों का सृजन किया जाना चाहिए था, यही समस्या मुख्यमंत्री जी को बताने का हम प्रयास कर रहे हैं। खेमराज कमेटी से वार्ता हेतु स्वतंत्र महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष व प्रवक्ता सागर पांचाल, प्रदेश संस्थापक मनीष विधानी, प्रदेश परामर्शक ताराचंद सिरोही, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत सहित 5सदस्यीय दल के पदाधिकारी 16जून को राजधानी पहुंचेंगे।