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बीकानेर के जूनागढ़, पब्लिक पार्क सहित कई ऐतिहासिक इमारतों के चित्र बना रहे रूसी कलाकारों को वापस लौटना पड़ा है। दरअसल, युद्ध के चलते रूस के कलाकारों पर न सिर्फ भारत सरकार की नजर बढ़ गई है बल्कि इनके क्रेडिट कार्ड तक सीज होने की सूचना मिल रही है।

जयपुर की कलाकार श्रेयांसी सिंह अपनी संस्था के तहत भारत व रूस में चित्रकारों को ऐतिहासिक स्थानों पर ले जाती है। इन दिनों श्रेयांसी के साथ रूस के चार कलाकारों सहित करीब दस चित्रकार बीकानेर में डेरा डाले हुए थे। इन्हीं में एक एंटोनिना वोलोडचेंका भी है, जिसकी मां तो युक्रेन की है लेकिन पिता रूसी है। एंटोनिना दो दिन से यहां पब्लिक पार्क सहित अन्य जगहों के चित्र उकेर रही थी लेकिन इस बीच युद्ध के चलते वो तनाव में आ गई। उससे कई तरह की पूछताछ भी हुई, जिसके बाद वो खासी परेशान रही। बताया जा रहा है कि इन रूसी कलाकारों के क्रेडिट कार्ड भी सीज हो रहे हैं। ऐसे में एंटोनिना सहित अन्य रूसी कलाकार शनिवार सुबह ही दिल्ली के लिए निकल गए। अब वो दिल्ली से वापस रूस जाएंगे।

श्रेयांसी सिंह के आर्ट इको प्रोजेक्ट के तहत उसे अभी कुछ दिन और बीकानेर रहना था लेकिन अब वो वापस लौट गई है। मीडिया से बातचीत में उसने इतना ही कहा कि युद्ध से किसी का भला नहीं होता, हम सभी पहले की तरह फिर मित्रवत हो जाएंगे। उसने बताया कि वो पहली बार भारत यात्रा पर आई है। इस अद्भुत देश, यहां के कलाकारों और सौंदर्य को देखकर खुशी मिलती है। एंटोनिना के पिता सेंट पीटरबस, रूस के हैं जबकि मां यूक्रेन की। वह सेंट पीटरबर्ग्स में ही रहती है।

क्या है आर्ट इको प्रोजेक्ट

श्रेयांसी सिंह ने बताया कि भारत और रूस के कलाकार एक दूसरे के देश में जाकर चित्रकारी करते हैं। हम प्रकृति के साथ ऐतिहासिक स्थानों के चित्र बनाते हैं। इनकी समय समय पर एग्जिबिशन लगती है। एक अन्य प्रोजेक्ट शक्ति है जिसके तहत महिलाओं के चित्र बनाए जाते हैं। महिला दिवस नजदीक होने के कारण इन दिनों चित्रकारों का ध्येय महिलाओं को प्रोजेक्ट करना है। एंटोनिना सहित कई रूसी कलाकार शक्ति प्रोजेक्ट के तहत भी काम कर रहे थे लेकिन अब इन्हें बीच में ही काम छोड़कर जाना पड़ा।

84 कलाकारों का ग्रुप

दरअसल आर्ट इको प्रोजेक्ट का मकसद ही मन की शांति और स्थिरता पर जोर देना है। ऐसे में कहा जा सकता है कि दुनिया के सबसे बड़े तनाव वाले दो देशों की साझा प्रतिनिधि बीकानेर में शांति के चित्र उकेर रही है। आर्ट इको में भागीदारी करने वे दुनियाभर के 84 कलाकारों के साथ वे भारत आई हुई हैं। उनके साथ रूस की ही एलेक्जेंड्रा तरासोवा, अल्ला पोलकोवनिचेनकोव, एलेक्जेंड्रा फतेवा, भारतीय कलाकार श्रेयांशी सिंह, सुनील कपूर, अमीन नशेर, पंकज कुमार इस वक्त बीकानेर में हैं। दुनियाभर के ये सभी कलाकार छह से आठ के ग्रुप में बंटकर देश के अलग-अलग हिस्सों में वहां के स्थापत्य, संस्कृति और सौंदर्य को कैनवास पर लाइव उतार रहे हैं।

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