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बीकानेर,अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने आज भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे माँग पत्र में उल्लेख किया कि

राजस्थान विधानसभा एवम लोकसभा चुनाव 2024 में होना है राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 73 पर एमबीसी का सीधा प्रभाव है और उसमें से 37 जनरल सिटी गुर्जर बाहुल्य है उन सभी पर गुर्जरों को टिकट दिया जाना सुनिश्चित कर चुनाव से पूर्व घोषणा करें अन्यथा चुनाव में उन सभी पार्टियों को हार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा इस बार गुर्जर समाज को वोट बैंक के रूप में काम नही लिया जा सकता है अब गुर्जर समाज मे राजनीतिक जागृति आ चुकी है । जो कि गुर्जर समाज को पार्टी चुनावी नतीजों के परिणाम में अब ऐसा नहीं चलेगा सियासी गुर्जरों को राजनीतिक हिस्सेदारी एवम प्रतिनिधित्व कब मिलेंगी । चुनाव के दौरान गुर्जर समुदाय के लोग अन्य जाति के कैंडिडेट का विरोध करेंगे ।

*जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने वार्तालाप में कहा कि काम आने पर गुर्जर समाज के विकास में काम की बात पर सब दूर चले जाते हैं अब उन्हें गुर्जर समाज ही चुनाव में वोट नही देकर सबक सिखाएगा। अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ ने ऐलान किया है कि जो राजनीतिक हमारी बात सुनेगा हमारे लिए काम करेगा हम उसे उसका साथ देंगे हमारा अपने समाज को अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के माध्यम से उनका हक और अधिकार दिलाने का यह एक प्रयास है ।*

*इस बार गुर्जर समाज राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व भागीदारी एवम हिस्सेदारी की मांग 2024 में आने वाले चुनाव से ठीक पहले समय रहते ही गुर्जर समाज राजनीतिक रूप से राजनीतिक एवं सामाजिक एकता दिखाएगा जहां सामाजिक रुप से विधानसभा क्षेत्र जो प्रभावित गुर्जर बाहुल्य हैं वहां गुर्जर समाज मजबूती के लिए काम करेगा ।*

*अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने आगे बताया कि अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के तत्वाधान में गुर्जर समाज के समस्त युवाओं सहित सभी लोगों को राजनीतिक भागीदारी निभाने का संदेश पहुंचा रहा रहे है । गुर्जर समाज ने जिसे भी राजनीतिक पार्टी में आस्था दिखाई है उस पार्टी की जीत निश्चित होती है । इसी कारण से राजनीतिक रूप से सभी राजनीतिक पार्टियों से प्रतिनिधि की मांग करते हैं और गुर्जर समाज को राजनीतिक क्षेत्र में अलग-अलग पार्टी गुर्जर समाज को सभी जिलों के दोनों में बराबर की हिस्सेदारी से चुनाव लड़ने का मौका दे देने का काम किया जाना चाहिए*

 

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