बीकानेर,सरकार की नई आबकारी नीति इस बार सरकार और शराब ठेकेदारों पर भारी पड़ी है। शराब ठेकेदार लाखों के कर्जदार हो गए है वहीं सरकार को सोच के मुताबिक राजस्व नहीं मिला है। ठेकेदार घाटा पूरा करने के लिए अवैध शराब बेचने लगे है। आबकारी विभाग भी पिछले सालों की तुलना में इस बार लाइसेंस निरस्त करने एवं जुर्माना लगाने की अधिक कार्रवाई कर राजस्व प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। दूसरी ओर आबकारी विभाग ने गोदाम से शराब का उठाव नहीं करने वाले ११९ ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है। वहीं अब तक आबकारी अधिनियम का उल्लंघन करने वाले १८ अनुज्ञाधारियों का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका हैं।
जानकारी के मुताबिक सरकार की नई आबकारी नीति में अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानों का एक कर दिया गया। इसलिए गारंटी राशि भी बढ़ा दी गई। शराब दुकानें भी बढ़ गई, जिससे ग्राहक बंट गए। हालात यह हो रहे हैं कि ठेकेदार मुनाफा व बराबर की तो छोडि़ए लाखों के घाटे में दब गए। ठेकेदारों ने घाटे को देखते हुए आबकारी विभाग के गोदाम से निर्धारित शराब भी नहीं उठाई। शराब उठाई नहीं और ठेके चलते रहे। ठेकेदारों ने अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया। शराब का उठाव नहीं होने और ठेकों पर शराब बिकने की पड़ताल की तो आबकारी विभाग हैरान रह गया। पड़ताल में सामने आया कि ठेकेदार अवैध शराब की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में जिले के बरसिंहसर की शराब दुकान से लाखों रुपए की अवैध शराब जब्त की। आबकारी विभाग के आंकड़ो की मानें तो सालभर ३24 अभियोग दर्ज किए गए हैं, जिनमें से शराब लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने पर ७५ ठेकेदारों और 249 अवैध शराब संबंधी दर्ज किए गए हैं। लाखों रुपए का जर्माना वसूला गया है।
लक्ष्य ४६० करोड़ और अब तक मिले ३४३ करोड़
सरकार की ओर से वर्ष 2020-21 में ४०० करोड़ का लक्ष्य आबंटित किया गया था, जिसमें से 2९१ करोड़ प्राप्त किया गया। वहीं वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग को ४६० करोड़ का लक्ष्य आबंटित किया गया था। आबकारी विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक ३४३ करोड़ का ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सका है। अब नए ठेके होने में ३६ दिन शेष है। ऐसे में इन ३६ दिनों में विभाग को ११७ करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करना है जो मुश्किल लग रहा है।
घाटे से उबारने के लिए दे रहे ऑफर
शराब ठेकेदार घाटे से उबरने के लिए कई तरह के जतन कर रहे हैं। कई शराब ठेकेदार एक बोतल व बीयर की खरीद पर ३० से ३५ प्रतिशत की छूट दे रहे हैं। वहीं कुछ ५० प्रतिशत छूट दे रहे हैं ताकि आबकारी विभाग की ओर से लगाई जाने वाली पैनल्टी से बचा जा सके। आबकारी विभाग की पैनल्टी के साथ-साथ गोदाम से हर माह लाखों की शराब उठाने और फिर बेचने की दिक्कत ने ठेकेदारों की परेशानी को चौगुना कर दिया है। अब ठेकेदार फायदा छोड़ घाटे से उबरने के जतन कर रहे हैं।
कमर तोड़ दी, उबरना मुश्किल
सरकार की नई आबकारी नीति ने शराब कारोबारियों की कमर तोड़ दी। लॉकडाउन में दुकानें बंद रही। शराब की बिक्री कमजोर रही है। शराब की दुकानें बढ़ा दी गई, जिससे सीधा बिक्री पर असर पड़ा है। इस बार शराब की दुकानें बड़ा घाटे का सौदा रही है। मुख्य दुकान होने के बावजूद १५ लाख का घाटा होता दिखाई पड़ रहा है लेकिन कुछ उपाय नहीं है।
नोटिस दिया है, सख्ती से वसूलेेंगे राशि
जिले के ११९ शराब ठेकेदारों ने तय शराब नहीं उठाई, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। शराब ठेकों में आबकारी नीति का उल्लंघन पाए जाने पर १८ ठेकेदारों का लाइसेंस निरस्त किया गया है। इस साल ३24 अभियोग दर्ज किए गए हैं, जिनमें से लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने पर ७५ शराब ठेकेदारों के खिलाफ अभियोग दर्ज किए गए। 249 अवैध शराब के संबंधी अभियोग दर्ज किए गए हैं। इस बार ठेकेदारों में बकाया राशि बड़ी है, जिसकी वूसली के लिए विशेष अभियान चलाएंगे।
डॉ. भवानीसिंह राठौड़, जिला आबकारी अधिकारी