बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं सुथारान पंचायत भवन चोंखुटी मोहल्ला के संयुक्त तत्वावधान में श्री मद भागवत सप्ताह कथा की आज धूमधाम से शोभायात्रा निकालकर पूर्णाहुति”की गई।उपरोक्त भागवत कथा आयोजन सद् ग्रहस्थ संत मनुजी महाराज के संरक्षण मे कथा वाचन श्रीछैल बिहारी महाराज के द्वारा सातवें दिन श्रद्धालुओं को द्वादश स्कंध की पुनरावृति द्वारा कथा सुनाई गई। तत्पश्चात कृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग बतलाते हुए कहा,कि सुदामा का भगवान कृष्ण के यहां जाना अर्थात “जीव जब संसार की माया रूपी विपत्ति से जकड़ा हुआ जब परमात्मा की शरणागति की ओर जाता है, “तो परमात्मा की शरणागति समस्त विपत्तियों से मुक्त कर जीव को समस्त प्रकार के पुरुषार्थ प्राप्त करवाती है… सुदामा के प्रसंग द्वारा बालसंत जी ने कहा कि “सच्चा मित्र वह जो आपकी विपत्ति में आपका सारथी व सहायक बने। कथा मे नवयोगेश्वर संवाद एवं दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की कथा की विस्तृत व्याख्या की गई। बाल संत श्री छैलविहारी जी ने कहा की गुरु वह जो आपको जीवन जीने की कला से सिखलाता है,,जिसकी कृपा विलासिता मात्र आपके जीवन मैं आपके अंधकार रुपी जीवन को प्रकाशमान कर दे, जो सदैव अपने शिष्य के प्रति मां की भूमिका निभाए ऐसा होता है सतगुरु।।” गुरु आपके जीवन में आई निराशा की किरण को भी आपके लिए वरदान साबित कर दे यह होती है गुरु की परिभाषा।।”जो भटके हुए को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वह होता है गुरु।।तत्पश्चात बालसंत जी ने कहा कि “जो जीवात्मा संसार से परलोक गमन कर चुका हो’ उसके जाने के पश्चात सप्त दिवसीय भागवत कथा उस आत्मा को निमित्त बनाकर भागवत सप्ताह कथा श्रवण करवाता है” “ऐसी उनकी स्मृति में की गई भागवत कथाएं सदैव करवाने वाले ऐसे पुण्यशाली यजमान को ‘धर्म अर्थ काम मोक्ष समस्त प्रकार से पुरुषार्थ की प्राप्ति करवाती है। आदि को सेवाकार्य हैतु भागवत कथा मे लड्डू गोपाल भेंट किये।भागवत कथा मे आज भागवत पोथी पुजन व तिलक हरिकिशन नागल किरण देवी नागल ने सप्तनिक जोडे सहित करवायी गयी।कथा मे व्यवस्था सेवाश्रम नवरत्न धामू, नितेश आसदेव हरिकिशन नागल गिरधारी लाल नागल अशोक चूयल,
देेवकिशन गैपाल,ओमप्रकाश कुलरिया नितेश आसदेव,गुड्डु भावना राधिका गुनगुन आदि कथा मे सेवा व्यवस्था संभाल रहे हैं।उपरोक्त समस्त जानकारी हरिकिशन नागल द्वारा दी गई।