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बीकानेर,वेदलक्षणा गोसन्देश यात्रा के माध्यम से गोचर सुरक्षा और विकास की साधु जन समाज से गोचरी, मधुकरी ( भिक्षा ) मांग रहे हैं। गोचर में गाय ही नहीं सम्पूर्ण सृष्टि के पोषण और रक्षण का रहस्य छिपा है। माखनभोग सभा स्थल पर पथमेड़ा के दत्तशरणानंद जी महाराज ने एक कथा के जरिए समाज को चेताया कि गोचर को हड़पने वाला व्यक्ति, समाज और सरकार कभी सुखी नहीं रह सकते। वेदलक्षणा गोसन्देश यात्रा के सन्तों ने कहा – हे भारत जाग जाओ। हे भारतीयों तुम गो वत्स हो। सरेह नथानिया गोचर से प्रेरणा लेकर पूरे प्रदेश में गांव गांव में जहां गोचर है संरक्षण औऱ विकास हो। भारतीय परम्परा में गायों के लिए गोचर, ओरण, अभ्यारण्य आरक्षित यानि धरती के तीन भाग गायों ( प्रकृति संरक्षण ) के लिए औऱ एक भाग मनुष्य के लिए रखा है। इसीसे पर्यावरण की रक्षा स्वतः है। अंग्रेजों ने हमारी यह व्यवस्था नष्ट कर दी। वर्तमान सरकारें भी यही कर रही है। गोसन्देश यात्रा गोसेवा, गो चिकित्सालय, ननदिशाला, गोचर भूमि का संरक्षण और विकास आदि पांच बिंदुओं को लेकर सभी जिलों में जाएगी। इससे पहले सरेह नथानिया गोचर की चार दीवारी को लेकर चल रहे आंदोलन के बारे में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने विस्तार से बताया। भाटी ने कहा कि गोचर सुरक्षा और विकास को लेकर अब समाज में जागृति आ गई है। यह काम सरकार के भरोसे नहीं है अब समाज करेगा। राजस्थान गो विकास समिति के अध्यक्ष स्वामी दिनेशगिरी महाराज ने कहा कि गाय को लेकर सभी को एकराय होने की जरूरत है। इस मंच से अन्य सन्तों ने भी विचार रखे। यात्रा बीकानेर से नागौर के लिए रवाना हुई।

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