बीकानेर,स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि अनुसंधान केन्द्र में 25 और 26 अप्रैल को दो दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने हेतु 10 विभिन्न अनुशंसाएं की गई व 06 तकनीकों को परीक्षण हेतु ग्राह्य परीक्षण केन्द्र ( एटीसी) भेजने का निर्णय़ लिया गया। बैठक में मुख्य अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत और विशिष्ट अतिथि भू सदृशयता एवं राजस्व सर्जन निदेशक डॉ दाताराम, अतिरिक्त निदेशक कृषि प्रसार डॉ एस.एस. शेखावत व काजरी अध्यक्ष डॉ नवरतन पंवार थे। बैठक की अध्यक्षता कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एस.आर.यादव ने की।
अनुसंधान निदेशक डॉ पी.एस. शेखावत ने वैज्ञानिकों और किसानों के बीच दूरी को कम करने के लिए प्रसार व रिसर्च को एक साथ कार्य करने की जरूरत बताई। भू-सदृश्यता एवं राजस्व सर्जन निदेशक डॉ दाताराम ने एटीसी पर ट्रायल बढ़ाने और अतिरिक्त निदेशक कृषि प्रसार डॉ एसएस शेखावत ने कृषि वैज्ञानिकों को ज्यादा से ज्यादा रिसर्च कर किसानों तक पहुंचाने की बात कही।
कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एस.आर यादव ने बताया कि बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को विभिन्न फसलों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बाजरा की उन्नत किस्में एच.एच.बी.-299 व पी.सी.-701 तथा पोषक तत्वों के माध्यम से उत्पादकता व गुणवत्ता बढ़ाना, मूंगफली में उन्नत किस्म आर. जी.-638 एवं सिंचाई प्रबंध, ग्वार की उन्नत किस्में आर.जी.आर.-18-1 व आर.जी.आर.-12-1 एवं खरपतवार नियंत्रण तथा पत्ती झुलसा रोग और तिल की उन्नत किस्म आर.टी.-372 समेत कुल 10 अनुशंसाएं की गई। साथ ही 06 तकनीकों को सत्यापित करने हेतु ग्राह्य परीक्षण केन्द्र( एटीसी) पर भेजने का निर्णय़ लिया गया। बैठक में विभिन्न वैज्ञानिकों ने खरीफ 2023 के प्रयोगो के परिणामों का प्रस्तुतिकरण दिया तथा विभिन्न नवीन तकनीकों के ऊपर गहन विचार विमर्श किया गया।
डॉ यादव ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने विभाग की प्रगति के बारे में अवगत कराया।कार्यक्रम के अन्त में डॉ. एस. पी. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ. बी. डी. एस. नाथावत ने किया। बैठक में कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के अलावा आईसीएआर के वैज्ञानिकों समेत कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिको, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों के अलावा कृषि विभाग, बीकानेर, जैसलमेर एवं चूरू के अधिकारियों व किसानों ने भाग लिया।