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बीकानेर.संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में चिकित्सकों के आने-जाने पर कोई पर्यवेक्षण नहीं है। शायद यही वजह है कि मरीज चिकित्सकों का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन अधिकांश चिकित्सक अपनी मनमर्जी से आते हैं। काबिलेगौर है कि वर्ष 2016 तक अस्पताल के अधीक्षक कक्ष में एक रजिस्टर रखा होता था। यहां पर चिकित्सक अपनी उपस्थिति लगाते थे। ऐसे में अधीक्षक को यह पता रहता था कि कौन चिकित्सक समय पर आया है और कौन नहीं आया है। इसके अलावा किस का साप्ताहिक अवकाश है और किसने अवकाश लिया है। लेकिन जब कि उपस्थिति रजिस्टर हटा दिया गया है, तो अधीक्षक कक्ष में चिकित्सकों का आना-जाना भी कम हो गया है। रजिस्टर हटने के बाद अस्पताल प्रशासन ने बायोमैट्रिक मशीन की व्यवस्था की। शुरुआत में चिकित्सक समय पर आने शुरू हो गए थे, लेकिन अंगूठा लगा कर वापस चले जाते थे। अब अस्पताल में ये दोनों व्यवस्थाएं ही हटा दी गई हैं। ऐसे में चिकित्सक अपनी मर्जी से आने शुरू हो गए हैं।

अब संबंधित विभागों में उपस्थिति

अधीक्षक कक्ष से रजिस्टर एवं बायोमैट्रिक मशीन हटाने के बाद संबंधित विभागों में ही चिकित्सकों की उपस्थिति लगानी प्रारंभ कर दी गई है। विभाग में कौन चिकित्सक कब आ रहा है और वापस कब जा रहा है, कोई कहने वाला न सुनने वाला और न देखने वाला है। विभाग का अध्यक्ष भी दो साल में बदल दिया जाता है। इस वजह से कोई किसी को देरी से आने का कहता भी नहीं है। वेतन के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष ही चिकित्सकों की उपस्थिति मेडिकल कॉलेज भेजता है, इसलिए वहां भी कोई दिक्कत नहीं है। लिहाजा, उपस्थिति संबंधित सारी व्यवस्था मनमर्जी से चल रही है।

कोविड में हटा दी थी बायोमैट्रिक मशीन

कोविडकाल के दौरान बायोमैट्रिक मशीन को हटा दिया गया था। इसके बाद विभागों के रजिस्टर में ही उपस्थिति लगने लगी थी।

अब करीब दो साल से कोविड भी नहीं है और सब कुछ सामान्य हो गया है। लेकिन बायोमैट्रिक मशीन को वापस अलमारी से निकाला नहीं गया है। क्योंकि अगर बायोमैट्रिक मशीन वापस लगाई जाती है, तो चिकित्सकों को समय पर आने की पाबंदी हो जाती है।

25 विभागों के 250 चिकित्सक

अस्पताल के 25 विभागों में विभिन्न पदों पर करीब 250 चिकित्सक हैं। इन सभी की उपस्थिति पहले रजिस्टर में और बाद में बायोमैट्रिक मशीन से लगती थी। लेकिन अब ये सभी चिकित्सक विभाग में ही उपस्थिति लगा रहे हैं।

एनएमसी की टीम ने भी अस्पताल का निरीक्षण किया था, तो इस तथ्य को नोटिस किया था। तब उन्होंने कहा था कि रजिस्टर में उपस्थिति के साथ बायोमैट्रिक मशीन का भी उपयोग किया जाए।

अभी इनकी लगती है उपस्थिति

अधीक्षक कक्ष में अभी भी रजिस्टर रखा हुआ है, लेकिन इसमें मेडिकल ऑफिसर, सीनियर रेजिडेंट तथा अस्थाई चिकित्सकों की उपस्थिति ही लगाई जाती है। बाकी वरिष्ठ चिकित्सक तो अधीक्षक कक्ष में कभी-कभार ही आ पाते हैं।

कोविड काल से ही बंद है बायोमैट्रिक हाजिरी
विभागों में उपस्थिति रजिस्ट्रर रखने के बाद अस्पताल के अधीक्षक को यह पता ही नहीं चलता कि किसी विभाग में कौन चिकित्सक आया है और कौन नहीं आया है। साथ ही अधीक्षक ने भी कभी रजिस्टर देखने की जरूरत महसूस नहीं की। गौरतलब है कि अस्पताल में कोविड काल से ही बायोमैट्रिक हाजिरी बंद है।

अब वापस लगाएंगे बायोमैट्रिक

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के निर्देशों के बाद अब वापस बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही प्रयास किए जाएंगे। साथ ही चिकित्सकों को भी समय पर आने के लिए पाबंद किया जाएगा।

-डॉ. पीके सैनी, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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