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बीकानेर,उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि लगातार समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी में आ रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा फड़बाजार में ठेला व्यापारियों (पथ विक्रेताओं) को भैंसवाड़ा (नगर निगम भण्डार) में पुर्नस्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। भैंसावाड़ा ( नगर निगम भण्डार) की भूमि नगर निगम स्वामित्व की पट्टा भूमि है। इस भूमि के संबंध में किसी भी तरह का निर्णय लेने का अधिकार केवल मात्र बोर्ड को है। प्रशासनिक अधिकारी इस भूमि के उपयोग के संबंध में निर्णय लेने में सक्षम नही है। बजट बैठक में उक्त भूमि पर व्यावसायिक कॉम्पलेक्स हेतु प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जा चुका है।

पूर्व में भी जिला कलक्टर महोदय को पत्र के माध्यम से नगर निगम स्वामित्व की भूमि के संबंध में निर्णय ना लेने के संबंध लिखा जा चुका है। नगर निगम स्वायत्तशासी संस्था है, जिसमें समस्त नीतिगत निर्णय बोर्ड द्वारा लिये जाते हैं। नगर निगम के संबंध में जिला प्रशासनिक अधिकारी अनुशंसा कर सकते है, लेकिन निर्णय नहीं ।

शहर की सुंदरता और यातायात की सुगमता के लिये ठेला व्यापारियों का पुर्नस्थापन नितांत आवश्यक है परन्तु इस संदर्भ में भी निर्णय लेने के लिए सरकार द्वारा शहरी पथः विक्रेताओं हेतु पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के अन्तर्गत TVC (टाउन वेंडिंग कमेटी) बनाई गई है। कमेटी की बैठक में कानून प्रावधानों के तहत वैंडिग और नॉन वैडिंग जोन निर्धारित किये जाते हैं। वर्तमान में TVC के लिए हुए चुनावों में निर्वाचित प्रतिनिधियों का चयन किया जा चुका है शेष मनोनित सदस्यों का मनोनयन शेष है। इस घटक की प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु जिला मुख्यालय पर राज्य सरकार द्वारा स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से जिला प्रबंधक और अन्य स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है। किसी भी रजिस्टर्ड शहरी पथ विक्रेता को कानून से अलग अपने स्तर पर निर्णय लेकर पुर्नस्थापित नहीं किया जा सकता है, परन्तु दुखद है कि जिला प्रशासन द्वारा अधिनियम के विपरीत अपने स्तर पर निर्णय कर पंजीकृत पथ विक्रेताओं को लगातार पुर्नस्थापित किया जा रहा है, जिससे पथ विक्रेताओं की आजीविका पर संकट बना हुआ है, जोकि अनुचित है।

अतः इस पत्र पर संज्ञान लेकर जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों को पथ विक्रेता अधिनियम 2014, भैंसावाड़ा (नगर निगम भण्डार) की भूमि के निर्णय अधिकार एवं उक्त भूमि पर निगम द्वारा प्रस्तावित योजना के बारे में अवगत करवाये तथा यह भी अवगत करवाये की भविष्य में निगम स्वामित्व की भूमि के संबंध में बिना बोर्ड की स्वीकृति एवं सहमति के कोई निर्णय ना लिया जावे। यथोचित आवश्यकता होने पर जिला प्रशासन अनुशंषा करे, जिस पर अंतिम निर्णय बोर्ड द्वारा ही किया जावेगा

( सुशीला कंवर राजपुरोहित) महापौर बीकानेर नगर निगम

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