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बीकानेर,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का मास्टरमाइंड वीरेंद्र चारण दुबई में है। 1 लाख के इनामी गैंगस्टर चारण ने ही राजू ठेहट की हत्या की भी साजिश रची थी। चारण ने कोलकाता से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। वह नेपाल के रास्ते दुबई फरार हो गया था।

8 महीने से पुलिस के पास उसे लेकर कोई इनपुट नहीं है।
इधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस ने गोगामेड़ी के हत्यारों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को चंडीगढ़ सेक्टर 22A से अरेस्ट कर लिया।

चारण ने ही गोगामेड़ी की हत्या के लिए शूटर्स तक हथियार पहुंचाए थे। उसने शूटर्स को विदेश भेजने और बड़ा गैंगस्टर बनाने का झांसा देकर ठेहट-गोगामेड़ी का मर्डर कराया।अप्रैल में जालोर में मिली थी लास्ट लोकेशन
सुजानगढ़ में 26 अप्रैल को जेड़ी ज्वेलर्स पर फायरिंग का मामला सामने आया था। मालिक पवन से फिरौती मांगी जा रही थी। तब फायरिंग में रोहित गोदारा और उसके खास गुर्गे वीरेंद्र चारण का नाम सामने आया था, लेकिन दोनों कभी भी पकड़े नहीं गए थे। इधर, राजू ठेहट मर्डर के तुरंत बाद सीकर पुलिस एक्टिव हो गई थी। चारण को पकड़ने के लिए रतनगढ़, फतेहपुर, सुजानगढ़ के साथ कई जगह दबिश दी थी। इन तीनों जगहों पर वीरेंद्र की पुलिस को लोकेशन लगातार मिल रही थी। इसके बाद अप्रैल में उसकी लोकेशन जालोर में मिली थी। तब सीकर पुलिस की टीमों ने जालोर पहुंचकर दबिश दी थी, लेकिन चारण वहां से फरार हाे गया था। अप्रैल महीने के बाद से वीरेंद्र चारण को राजस्थान में कहीं पर भी देखा नहीं गया है। न ही राजस्थान पुलिस के पास उसे लेकर कोई इनपुट है।

कोलकाता से बनवाया था फर्जी पासपोर्ट
ठेहट मर्डर के बाद पुलिस से बचने के लिए वीरेंद्र चारण पहले नेपाल गया था, लेकिन वहां उसका पासपोर्ट नहीं बन पाया। इधर, पुलिस लगातार इनपुट मिलने पर पीछा भी कर रही थी। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद रोहित गोदारा ने उसकी मदद की। वीरेंद्र चारण कोलकाता गया और वहां से उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाया। इसके बाद वो नेपाल पहुंच गया था। इसके अलावा रोहित गोदारा, सचिन भिवानी और कपिल पंडित के भी फर्जी पासपोर्ट कोलकाता में ही बने थे। एसओजी ने फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में पंकज नाम के शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया था। वहीं फर्जी पासपोर्ट की मदद से चारण नेपाल के रास्ते दुबई फरार हो गया।चारण के पास न मोबाइल, न बैंक अकाउंट वीरेंद्र चारण को रोहित गोदारा गैंग का मैनेजर कहा जाता है। वह अपने पास पहचान की कोई आईडी भी नहीं रखता है। उसके पास न मोबाइल है और न ही बैंक अकाउंट। जानकारों का कहना है कि वह जिन गुर्गाें के पास जाता है, उनसे रुपए ले लेता है। उनका ही मोबाइल यूज करता है। उनके ही बैंक अकाउंट का इस्तेमाल लेन-देन में करता है।

खुद पहुंचाता है हाईटेक हथियार
ठेहट और गोगामेड़ी दोनों मर्डर में उसने खुद शूटर तक हथियार पहुंचाए। ठेहट मर्डर में चारण ने सीकर शहर के बजरंग कांटे चौराहे पर हाईटेक हथियार दोनों शूटरों को दिए थे। इसके बाद पिपराली रोड पर भी उन्हें रुपए और हथियार दिए थे। ठेहट मर्डर में जब शूटरों काे पकड़ा गया था, तब पुलिस को वीरेंद्र चारण की पूरी भूमिका के बारे में पता लगा था। उसने अपने लोकल नेटवर्क यूज किए थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ा था।सवाल :

कहां से मंगवाता है हथियार
रुपए का पूरा मैनेजमेंट भी वीरेंद्र चारण ही करता है। हालांकि वह हथियार कहां से मंगवाता है, इस सवाल का जवाब अब तक पुलिस ढूंढ नहीं पाई है। पुलिस भी हैरान है कि जिगना जैसे हथियार कहां से और कैसे मंगवाए जा रहे हैं। पुलिस को उम्मीद थी कि वीरेंद्र चारण के पकड़े जाने के बाद हथियारों और रुपए के मैनेजमेंट को लेकर कई खुलासे होंगे, लेकिन राजू ठेहट मर्डर के एक साल बाद भी पुलिस वीरेंद्र को पकड़ नहीं सकी है।
शूटर को विदेश भेजने और बड़ी जिम्मेदारी का लालच
वीरेंद्र चारण नए-नए युवाओं को अपनी टीम में रखता है। जेल में चोरी और अन्य छोटे-छोटे मुकदमों में जो भी युवा जाते हैं, उन्हें लालच देकर ऐशो आराम की जिंदगी का ख्वाब दिखाता है। विदेश भेजने और क्राइम वर्ल्ड में बड़ी जिम्मेदारी देने का लालच देकर चारण ने चूरू, सीकर, बीकानेर के साथ कई जिलों में अपना नेटवर्क बना लिया है।राजू ठेहट हत्याकांड में पुलिस ने जब शूटर मनीष उर्फ बच्चियां को पकड़ा तो उसने पुलिस को बताया कि उसे पकड़ जाने पर जेल में सारी सुविधाएं देने का वादा किया था। उसने बताया कि वीरेंद्र चारण ने रोहित गोदारा से सिग्नल ऐप से बात कराई थी। उसने बोला था कि पूरा राजस्थान तेरा होगा। तुझे जल्दी ही बाहर(विदेश) निकाल दूंगा। फिर तुम्हें ही राजस्थान संभालना होगा।

अपना नेटवर्क बनाओ और काम करो।
संपत नेहरा और वीरेंद्र चारण का क्या है कनेक्शन?
संपत नेहरा राजगढ़ और वीरेंद्र चारण सुजानगढ़ का रहने वाला है। अपराध की दुनिया में पैर जमाने के बाद दोनों एक-दूसरे के साथी हो गए थे। संपत नेहरा पहले से लॉरेंस गैंग से जुड़ा था। वहीं वीरेंद्र चारण रोहित गोदारा के जरिए लॉरेंस से जुड़ा था। तीनों राजस्थान के रहने वाले हैं। ऐसे में तीनों के बीच में ट्यूनिंग भी बताई जाती है।

8 साल पहले मर्डर में पकड़ा गया था चारण
2015 में चूरू में रामलाल मेघवाल का मर्डर हुआ था। उसके भाई जगदीश मेघवाल ने 88/2015 एफआईआर दर्ज कराई थी। जमीन के कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। उस समय पुलिस ने वीरेंद्र चारण निवासी सुजानगढ़, हरिसिंह जाट और मुकेश निवासी फतेहपुर को गिरफ्तार किया था। इन्होंने गाड़ी से कुचलकर रामलाल की हत्या कर दी थी। उस समय चारण पांच साल जेल में रहा था। जेल में वीरेंद्र कई बदमाशों से संपर्क में आया। चारण आनंदपाल, रोहित गाेदारा, संपत नेहरा गैंग से भी जुड़ गया था। उस समय आनंदपाल गैंग पूरी तरह से एक्टिव थी। तब रोहित राठौड़(गोगामेड़ी का शूटर) रेप के मामले में जेल पहुंचा था। वहां उसकी मुलाकात वीरेंद्र चारण से हुई। कुछ समय बाद पहले चारण और फिर रोहित राठौड़ जेल से बाहर आ गया।दोनों शूटर चंडीगढ़ से गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में यह कामयाबी मिली। चंडीगढ़ सेक्टर 22A में छुपे गोगामेड़ी की हत्या करने वाले शूटरों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को अरेस्ट कर लिया। वहीं इससे पहले शनिवार को जयपुर पुलिस ने शूटर्स की मदद करने वाले रामवीर को गिरफ्तार किया था। ये शूटर नितिन फौजी का दोस्त है।

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