बीकानेर,मरू प्रदेश बनाने की मांग को लेकर निकल रही 700 किलोमीटर लम्बी यह यात्रा 7 फरवरी को जयपुर पहुंचेगी।राजस्थान में पश्चिमी बॉर्डर के 13 जिलों को अलग प्रदेश बनाने की मांग यात्रा के साथ जोर पकड़ने लगी है।
गांव- गांव में अलग राज्य की मांग को समर्थन मिल रहा है। बुजुर्गों से लेकर बच्चे, महिलाएं सड़कों पर आकर मरुप्रदेश ऊंटों की महायात्रा का समर्थन कर रहे है।
ऊंटों की महायात्रा हनुमानगढ़ शहर के जिला परिषद के मैदान में ठहरी और तंबुओं में मरुप्रदेश के समर्थकों ने तेज ठंड और बारिश की बूंदाबादी में रात गुजारी। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद मरुप्रदेश समर्थकों के हौसले कमजोर नहीं हुए। सुबह नारे बाजी के साथ शहर के बीचों बीच से सैकड़ो गाड़ियों और ऊंट गाड़ियों का काफिला निकला और जयपुर की ओर कूच कर गया।
राजधानी से दूर इलाकों का विकास नहीं हो रहा, इसलिए मरुप्रदेश की मांग
महायात्रा के प्रमुख जयन्त मूण्ड ने बताया कि मरुप्रदेश निर्माण की मांग और 13 जिलों की 33 सूत्रीय मांगों को लेकर मरुप्रदेश ऊंटों की महायात्रा निकाली जा रही है। राजस्थान बहुत बड़ा प्रदेश है, जिसके कारण राजधानी से दूर इलाकों का विकास नहीं हो रहा है। मरुप्रदेश के 13 जिलों की जनता आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।
यह यात्रा 5 जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, सीकर के 22 विधानसभा क्षेत्रों से गुजर कर जयपुर पहुंचेगी और मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। यात्रा को जबरदस्त समर्थन गांवों के हर अड्डे पर मिल रहा है। इस यात्रा के बाद सरकार यदि मांगें नहीं मानती, तो मरुसेना संगठन 23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस को जयपुर से श्रीगंगानगर तक सड़क बंद करवाएगा।
पंजाबी सूबे की मांग भी बूढ़ा जोहड़ गुरुद्वारा से उठी थी
यात्रा के प्रभारी मनिन्दर सिंह मान ने बताया कि पंजाबी सूबे की मांग भी बूढ़ा जोहड़ गुरुद्वारा से उठी थी। वहीं हरियाणा प्रदेश की मांग करने वाले चौधरी देवीलाल ने भी श्रीगंगानगर से जन्म लेकर इस आंदोलन की शुरुवात की थी। इस प्रदेश की खातिर कुर्बानी भी देनी पड़ी तो वो भी देंगे, लेकिन हक लेकर रहेंगे। किसान आंदोलन के 700 से ज़्यादा शहीदों की याद में 700 किमी की ये यात्रा रहेगी।
पानी के लिए तरसे लोगों को देखा, 13 साल से आंदोलन लड़ रहे
मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा अध्यक्ष जयवीर गोदारा ने भाषणों में बताया कि वो 25 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदों पर रहे,लोकसभा का चुनाव भी लड़ा , लेकिन एक बार पल्लू गांव की जनसभा में पानी के लिए तरसे लोगों और महिलाओं को देखा, उसके बाद 13 साल से इस प्रदेश के लिए आंदोलन लड़ रहे हैं।
मोर्चे ने इससे पहले भी बीकानेर से जयपुर तक बड़ी ऊंटों की महायात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करके ज्ञापन दिया था। प्रदेश की हालत बहुत खराब हैं, तहसील तक भी प्रशासन नहीं पहुंच पा रहा है। प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
हमारी जमीन से देश को 27% तेल मिल रहा है,14.67% देश को खनिज मिल रहा है,देश की सबसे ज्यादा बिजली बना रहे हैं, लेकिन जनता को हरियाणा और पंजाब के मुकाबले मंहगी बिजली और तेल मिल रहा है। नहरों के पानी के लिए आये दिन किसान आंदोलन कर रहे हैं। बेरोजगार पेपर लीक से दुःखी है,रोजगार के लिए देश विदेश में जाना पड़ रहा है।