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बीकानेर,पुलिस को बार बार चैलेंज देने व चकमा देकर भाग निकलने वाला शातिर इनामी वांटेड आखिर डीएसटी के हत्थे चढ़ ही गया। मामला जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में हुए जानलेवा हमले के आरोपी राजियासर पीएस सालासर निवासी देवीसिंह पुत्र अभय सिंह से जुड़ा है। आरोपी 20 माह से फरार चल रहा था। उदासर निवासी मंगतूराम ने उसके खिलाफ जानलेवा हमले का प्रकरण दर्ज करवाया था। आरोप है कि देवीसिंह ने मंगतूराम पर सरिये से जानलेवा हमला कर दिया।

इसके अतिरिक्त एक अन्य मुकदमें में भी जेएनवीसी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।मामले में एसपी योगेश यादव ने आरोपी पर 10 हजार का ईनाम घोषित किया। वह जिले के टॉप टेन वांटेड की लिस्ट में शामिल था। यादव ने डीएसटी व पुलिस निरीक्षक महेंद्र दत्त शर्मा के निर्देशन में टीम का गठन कर उसकी तलाश के निर्देश दिए थे। टीम ने आज उसे नागौर के खुनखुना से धर दबोचा।

तीन बार भागा, आईओ को किया चैलेंज: आरोपी इतना बदमाश है कि उसने जांच अधिकारी एचसी रोहिताश भारी को फोन पर चैलेंज तक दे डाला। कहा कि पुलिस उसे पकड़ कर तो दिखाए। डीएसटी ने लगातार आरोपी की तलाश की। सूचना पर राजियासर स्थित उसके घर पर दबिश दी मगर वह चकमा देकर भाग गया। उसके बाद उदासर में इसी तरह चकमा देकर भाग निकला। नाकाबंदी करवाई मगर नाकाबंदी तोड़ने में भी कामयाब हो गया। लूणकरणसर में भी पुलिस उस तक पहुंची। मगर आरोपी चकमा देकर दोस्त की पिकअप में फरार हो गया।

पुलिस को हाल ही में पता चला कि आरोपी शराब ठेकों में फरारी काट रहा है। इस पर उसकी तलाश कर शराब ठेके में रेड कर उसकी घेराबंदी की। मगर आज भी आरोपी भाग छूटा। डीएसटी ने आरोपी का पीछा कर उसे काबू में कर लिया।
आरोपी ने फरारी बीकानेर, नागौर, चुरू, सीकर, अजमेर व जयपुर के ग्रामीण इलाकों में काटी बताते हैं। पिछले कुछ समय से वह नागौर के अलग अलग इलाकों में रह रहा था।

उसके खिलाफ सालासर, जयनारायण व्यास कॉलोनी बीकानेर, कोतवाली बीकानेर, सुजानगढ़ व चुरू में सात मुकदमें दर्ज हैं। ये मुकदमें आर्म्स एक्ट, चोरी, 307 आईपीसी आदि गंभीर धाराओं में दर्ज है।

ये थी वांटेड को गिरफ्तार करने वाली टीम: वांटेड देवीसिंह की तलाश व गिरफ्तारी करने वाली एसपी योगेश यादव व एएसपी अमित कुमार के निर्देशन तथा डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणियां व सीआई महेंद्र दत्त शर्मा के नेतृत्व वाली टीम में एएसआई रामकरण सिंह, एचसी कानदान सांदू, एचसी रोहिताश भारी, एचसी दीपक यादव, कांस्टेबल राकेश, लखविंद्र, वासुदेव, देवेंद्र व योगेंद्र शामिल थे।

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