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बीकानेर,राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी दंगल में केंद्रीय भाजपा की चुनावी व्यूह रचना के तहत अधिकतम सीटें जीतने और लोकसभा चुनाव के रास्ते साफ करने के लिए सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतारने की स्ट्रेटेजी बनाई है। इस व्यूह रचना में खाजूवाला विधानसभा से राजस्थान सरकार के आपदा मंत्री गोविंद राम मेघवाल के सामने केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को उतारे जाने के कयास है। जो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को फायदा दिला सकता है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की देवी सिंह भाटी से सुलह के बाद वे यह सीट आसानी से जीत सकते हैं। भाटी की खाजूवाला के किसानों आज भी अच्छी पैठ है। डा. विश्वनाथ भी भाटी के सहयोग से ही वहां भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीतते आए हैं। भाटी के भाजपा में आने और केंद्रीय मंत्री के साथ सुलह का भाजपा को फायदा हुआ है। भाटी और अर्जुन राम मेघवाल परस्पर आपसी सहयोग से खाजूवाला और श्रीकोलायत दोनों विधानसभा आसानी से जीत सकते हैं। अर्जुन राम मेघवाल बेशक अच्छे व्यक्ति है। गोविंद राम की तुलना में जनता अर्जुन राम को ज्यादा पसंद करती है, परंतु अर्जुन राम में राजनीतिक दक्षता का नितांत अभाव है जो देवी सिंह भाटी में है। भाटी के हुंकार से ही खाजूवाला बीजेपी के खाते में आ सकती है। वैसे अर्जुन राम अपने बूते पार्टी के बैनर तले भी कहीं चुनाव नहीं जीत सकते। अर्जुन राम समर्थकों का कहना है कि पार्टी सर्वे में अर्जुन राम जीत नहीं रहे हैं इसलिए वे खाजूवाला से चुनाव लडने के कम इच्छुक है। यह बात सही है। गोविंद राम आक्रमक राजनीति करते हैं। उनकी अपनी वोटो पर पकड़ भी है, परंतु खाजूवाला जिला बनाने खिलाफ आंदोलन की पूरी पृष्ठ भूमि की पड़ताल करें तो गोविंद राम के प्रति क्षेत्र के लोगों का रवैया सामने है। अभी उनके सामने अर्जुन राम आ जाते हैं तो तस्वीर बदल जाती है। अर्जुन राम धीर, गंभीर और शालीनता से व्यवहार रखने वाले व्यक्ति है। पार्टी का बैनर, भाटी का सहयोग, संघ की सीमावर्ती इस क्षेत्र में पकड़ और उनके व्यक्तित्व का यह गुण गोविंद राम को मात देने के लिए पर्याप्त है। अगर भारत सरकार के केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल खाजूवाला में राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद मेघवाल को चुनाव हरा देते हैं तो दूर तलक संदेश जाएगा कि 2024 में भाजपा केंद्र में कहीं अटक ने वाली नहीं है। अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान में अनुसूचित जाति के भाजपा में एकमात्र नेता के रूप में उभर सकते हैं। अन्यथा तो मोदी के चेहरे से जीतने वाले नेता की छवि ही रहने वाली है। अर्जुन राम को अपने आपको राजनीति में साबित करने का अवसर है। चुके तो चौरासी। फिर मोदी के यहां जगह नहीं मिलेगी।

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