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बीकानेर-बीकानेर भुजिया और कला संस्कृति के अलावा महंगे ब्राइडल कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी के लिए भी जाना जाता है। यहां की कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी देश भर के ज्वैलरी शोरूम में सजी है।

बीकानेर के कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी की तो पूरी दुनिया दीवानी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वर्ग महिलाओं का है। महिलाएं अपना आईना सिर्फ गहनों में देखती हैं। ज्वैलरी महिलाओं को सबसे ज्यादा पसंद होती है और उसमें भी बीकानेर की कुंदन जड़ाऊ ज्वेलरी। बीकानेर की कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी पूरी दुनिया में मशहूर है। बीकानेर की कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी ही बड़ी शादियों में पहनी जाती है। इस आभूषण की मांग पूरी दुनिया में है, खासकर भारत में। बड़ी-बड़ी हस्तियां और बिजनेसमैन अपनी शादियों के लिए बीकानेर से कुंदन जड़ित ज्वेलरी मंगवाते हैं।

बीकानेर के मुदित खजांची ने बताया कि कुंदन जड़ाऊ के आभूषण एक हजार साल पुराने हैं। इन गहनों को बनाने का काम अभी बीकानेर में ही है। बीकानेर देश का इकलौता शहर है जहां 24 कैरेट सोने पर जड़ाई का काम होता है। अकेले बीकानेर में ही देश में जड़ाऊ कारीगरों की संख्या सबसे अधिक है। यहां करीब 10 से 15 हजार कुशल कारीगर हैं। जो इस तरह के जेवर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। कुंदन जड़ित आभूषणों में हार, झुमके, कंगन और बाजूबंद भी शामिल हैं। यह अकेले बीकानेर में करोड़ों का कारोबार करती है। मुदित ने बताया कि मामला कुछ भी हो, जड़ाऊ पहनने वाले में एक शाही अंदाज अपने आप आ जाता है।

भारतीयों को हमेशा जड़े हुए गहने पसंद रहे हैं। इन्हें अक्सर शादी और तीज-त्योहार के खास और शुभ अवसरों पर खरीदा जाता है। मुदित ने बताया कि कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी में गोल्ड, डायमंड पोल्की और मीनाकारी होती है। इसके अलावा कारीगरों का चार्ज भी महंगा है। एक ज्वैलरी सेट को बनाने में एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है। इसमें कारीगरों की कारीगरी देखकर उनका चार्ज लाखों में पहुंच जाता है। ऐसे में कुंदन जड़ाऊ की ज्वैलरी तीन लाख से लेकर करोड़ों में बिकती है।

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