
बीकानेर,जयपुर, राजधानी के सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास में जनसुनवाई के दौरान संयुक्त अभिभावक संघ का प्रतिनिधि मंडल ने ना केवल मुख्यमंत्री से वार्तालाप की बल्कि प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी, सरकारी स्कूलों की बदहाली, आरटीई में जरूरतमंदों को दाखिले और कोचिंग सेंटरों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बचाने सहित संपूर्ण शिक्षा में सुधार की मांग को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को सौंपा। इस दौरान संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, महामंत्री संजय गोयल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, जयपुर व्यापार मंडल उपाध्यक्ष पवन गोयल, कोचिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन अध्यक्ष अजय अग्रवाल, महामंत्री अनीश नडार, अधिवक्ता एमके सिंह सहित 15 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि संघ विगत 5 वर्षों से संपूर्ण शिक्षा में सुधार की दिशा में कार्य कर रहा है, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश में निजी स्कूलों ने बेलगाम फीस में बेहतसा वर्दी कर अभिभावकों पर आर्थिक भार तो थोपा ही है साथ ने किताब, कॉपी, ड्रेस और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में भी मनमाना शुल्क वसूल रहे है और जरूरतमंदों के लिए जरूरी शिक्षा का अधिकार (राइट टू एजुकेशन) में हर साल कोई ना कोई अड़चन उत्पन कर लाखों विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित कर रहे है, इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा गठित समीक्षा समिति प्रदेश के सरकारी हिंदी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को कम नामांकन और जरूरी आधारभूत सुविधाओं के अभाव में मर्ज कर जरूरतमंदों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीन रहे है, जनवरी माह में तो 450 से अधिक स्कूली को मर्ज कर दिया और 150 से अधिक स्कूलों का अस्तित्व खत्म कर दिया, जो प्रदेश के बेहतर भविष्य के सपनों के साथ सबसे बड़ा कुठाराघात है। अभिषेक जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में कोचिंग सेंटरों में पढ़ रहे विद्यार्थियों में बढ़ रहे आत्महत्या के चलन का मामला भी रखा गया है और इसे रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की गई है और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की गई है। इस समय राजस्थान में चल रही शिक्षा व्यवस्था ना केवल अभिभावकों का शोषण कर रही है बल्कि विद्यार्थियों का भविष्य बनने से पहले ही नष्ट कर रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की अति आवश्यकता है और इसी दिशा में संयुक्त अभिभावक संघ ने सोमवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। हम आशा व्यक्त करते है कि राज्य सरकार अभिभावकों की व्यथा को समझते हुए जरूरी सुधार और प्रावधान कर अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत प्रदान करेगी।
*संघ ने रखी यह मांगे*
* प्रदेश सभी निजी स्कूलों में स्कूल फीस एक्ट 2016-17 की पालना सुप्रीम कोर्ट के 03 मई एवं 01 अक्टूबर 2021 के आदेशानुसार पालना सुनिश्चित करवाई जाएं और मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर सख्ती बरती जाएं और एनओसी रद्द की जाएं।
* प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम वाली पुस्तकों को ही लागू करवाया जाए और निजी स्कूलों द्वारा संचालित स्वयंभू पाठ्यक्रम पुस्तकों को पूरी तरह से बैन करवाया जाए।
* निजी स्कूल भले ही स्कूल में पुस्तक, कॉपी, ड्रेस की दुकान डालकर रखे किंतु इनकी कीमत राज्य सरकार और शिक्षा विभाग निर्धारित करे एवं सभी स्कूल अनिवार्यता के साथ अभिभावकों को उनका बिल उपलब्ध करवाएं।
* जिन सरकारी हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को मर्ज करने की योजना राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समीक्षा समिति बना रही है, उस योजना को तत्काल रद्द किया जाए एवं सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा को सुधारा जाएं।
* प्रदेश के 75 % से अधिक सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में है, उनका पीएम श्री केंद्रीय विद्यालयों के स्तर पर बनवाया जाएं, सभी स्कूलों में स्वच्छ पानी, सुन्दर शौचालय और विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल – कुर्सी का अनिवार्यता के साथ प्रावधान किया जाएं।
* सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का बहुत गहरा अभाव है। अभी लगभग 2 लाख पद रिक्त चल रहे है, उन्हें तत्काल भरा जाएं और विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जाएं।
* राजधानी जयपुर के गुर्जर की थड़ी से त्रिवेणी नगर फ्लाईओवर तक राज्य सरकार ने एलिवेटेड रोड़ प्रस्तावित की है, जिसे तत्काल रद्द कर इस रोड़ पर गैरकानूनी तरीके से चल रहे कोचिंग सेंटरों को कोचिंग हब में शिफ्ट किया जाएं या अन्य कोई व्यवस्था/प्रावधान किया जाएं।
* कोटा सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले विद्यार्थी में लगातार आत्महत्या का चलन बढ़ता जा रहा है, जिसे रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए।
* विद्यार्थियों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले चाहे वह कोचिंग संचालक, अभिभावक, विद्यार्थी, मेस संचालक, हॉस्टल संचालक, प्रशासन कोई भी जिम्मेदार हो, उस पर तत्काल सजा का प्रावधान निर्धारित किया जाएं।
* प्रत्येक प्राइवेट और निजी स्कूल एवं कोचिंग सेंटर केंद्र पर कोचिंग संचालक, अभिभावक, मेंस एवं हॉस्टल संचालक, शिक्षक, विद्यार्थी, पुलिस प्रशासन, शिक्षा विभाग प्रशासन की एक संयुक्त कमेटी का निर्माण सुनिश्चित किया जाएं, जिससे शिक्षा से जुड़े मूल आधारभूत मुद्दों को सभी के सुझावों के तहत निस्तारण करने का प्रावधान निर्धारित किया जाएं।