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बीकानेर,भादरिया गोचर भूमि में 2 दिन पहले 3 हिरणों को गोली मारकर शिकार की घटना के कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं साथी ही भारतीय सेना जैसलमेर पुलिस व वन विभाग पर कुछ प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए1

1 शिकार की घटना स्थल भारतीय सेना के फील्ड फायरिंग रेंज का वह प्रतिबंधित एरिया है जहां पर हर आदमी बिना अनुमति नहीं जा सकता बिना आदेश गोली मारने का आदेश है

2 ऐसे प्रतिबंधित एरिया में दिन में 4:00 बजे दो गाड़ियों में सवार होकर 10 शिकारी हथियारों से लैस होकर 3 हिरणों का शिकार करते हैं वहीं पर पकाते हैं खाली बर्तन जप्त हुए हैं वह साथ लेकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देते हैं भारतीय सेना की इंटेलिजेंस वह उस क्षेत्र के तैनात अधिकारी इस संबंध में कोई कार्रवाई क्यों नहीं

3 शिकार की घटना की सूचना मिलने पर जीव रक्षा सभा के कार्यकर्ताओं ने सदर थाना जैसलमेर के एसएचओ से बात कर मदद मांगी सदर थाने के पुलिसकर्मियों ने यह कहकर टरका दिया कि यह क्षेत्राधिकार हमारा नहीं है फिर एसपी जैसलमेर की विशेष गस्त दल ने वहां आकर भी वही बात कही कि हमारी गाड़ी फोर वाइफ और नहीं है और शिकारी धोरो में भाग गए हैं

4 कार्यकर्ता जब वन विभाग को लेकर घटनास्थल पर अपराधियों को पकड़ने जाते हैं तो एक गाड़ी में शिकारी वह शिकार लेकर भागता है वह दूसरी गाड़ी कार्यकर्ताओं के पीछे मारने की नियत से उड़ाई जाती है फिर उसको घेर कर जान से मारने की धमकी दी जाती है इस संबंध में सब सूचना सदर थाना जैसलमेर को देने के बाद भी 2 दिन में भी मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हुआ

5 अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा को सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस घटना में पांच शिकारी जो नामजद है उनके नाम हुए दो गाड़ियों के गाड़ी नंबर वन विभाग और पुलिस को दे चुके हैं उसके बावजूद भी अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं

6 वन विभाग ने पांच अपराधियों के नाम 2 गाड़ियों के नंबर देने के बाद भी आज 2 दिन बाद काटी गई f.i.r. में मुलजिम अज्ञात बताए हैं जबकि इस संबंध में रात को मेरी बात वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम जी चौधरी से हो चुकी थी

7 इस घटना में जैसलमेर एसपी जैसलमेर कलेक्टर वह भारतीय सेना के उच्च अधिकारी तीनों को प्रसंग ज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए भारतीय सेना अपने प्रतिबंधित क्षेत्र में दिन में 4:00 बजे उक्त लोकेशन पर कौन-कौन लोग आए टावर लोकेशन निकाल कर उन सभी को मुलजिम बना कर अपनी तरफ से कार्यवाही करें साथ ही वन विभाग और पुलिस को मिले आवेदनों के आधार पर संबंधित अपराधियों पर कार्रवाई होनी चाहिए

8 पाकिस्तान बॉर्डर के लगते हुए एरिया में सबसे ज्यादा वन्य जीव है वह केवल भारतीय सेना की वजह से बचे हुए हैं क्योंकि भारतीय सेना के डर से कोई भी शिकारी उस क्षेत्र में नहीं घुसता परंतु इस बार जैसलमेर की घटना ने यह बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है की सेना केक्षेत्र इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं अपराधी।

शिवराज बिश्नोई राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई महासभा

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