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बीकानेर,प्रदेश के एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के खिलाड़ियों की भूख हड़ताल रविवार को सातवें दिन भी जारी रही। प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा विभाग और प्रशासन के रवैये को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है।

शनिवार को भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी दानवीर सिंह भाटी और भैरू रतन की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद हड़ताल नहीं रुकी, और राष्ट्रीय खिलाड़ी पूर्ण सिंह ने आंदोलन की जिम्मेदारी संभालते हुए प्रदर्शन जारी रखा।, रविवार को भाटी और ओझा अस्पताल से सीधे वापस धरना स्थल पहुँचे,

रविवार को शिक्षा विभाग के उपनिदेशक (खेलकूद) अरविंद व्यास प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की। हालांकि, खिलाड़ियों ने विभाग द्वारा दिए गए किसी भी आश्वासन को ठुकरा दिया। धरणार्थीयों का कहना है कि शिक्षा विभाग केवल आश्वासन देकर समय निकालने की कोशिश कर रहा है और उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।

खिलाड़ियों की प्रमुख मांगें

खिलाड़ियों ने बेहतर खेल सुविधाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षकों की नियुक्ति, डाइट और छात्रावास सुविधाओं में सुधार जैसी मांगें रखी हैं। उनका कहना है कि ये मांगें विद्यालय और खेल के क्षेत्र में छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अत्यंत जरूरी हैं।

स्वास्थ्य बिगड़ने के बावजूद आंदोलन जारी

पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी दानवीर सिंह भाटी ने अस्पताल से जारी बयान में कहा, “हमारी मांगें न्यायसंगत हैं और इन्हें आसानी से पूरा किया जा सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहा है। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं।”

सोमवार से आंदोलन होगा और तेज

प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने घोषणा की है कि सोमवार से भूख हड़ताल में और खिलाड़ी शामिल होंगे। इस बीच शहर के खेल प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है।,

प्रशासन के लिए चुनौती

सात दिनों से चल रहा यह आंदोलन अब शिक्षा विभाग और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। प्रदर्शनकारियों का अडिग रवैया और आंदोलन को मिल रहा व्यापक समर्थन सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है।

यह देखना अहम होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और शिक्षा विभाग इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं, या यह आंदोलन और व्यापक रूप लेता है।

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