बीकानेर करीब दो साल पहले बीकानेर रेलवे स्टेशन की दीवारों और गेट संख्या दो पर ऐतिहासिक जूनागढ़ से निकलने वाली शाही गणगौर की सवारी, रौबीले मूंछों वाले लोगों की तस्वीरें और बीकानेर के धरोहर से जुड़ी ऐतिहासिक इमारतों की तस्वीरें दीवारों पर उकेरी गई थी। लेकिन उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने इन्हें ताले में बंद कर रखा है।
रेलवे स्टेशन पर हर दिन रहती है दो हजार यात्रियों की आवाजाही : उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल में रोजाना करीब एक लाख यात्री सफर करते हैं। बीकानेर स्टेशन पर करीब दो हजार यात्रियों की आवाजाही रहती है। लेकिन ये यात्री बीकानेर की लोक संस्कृति को बताने वाली तस्वीरों को नहीं देख पाते।रेल मंत्रालय भी कर चुका सराहना बीकानेर रेलवे स्टेशन पर उकेरी गई स्थानीय लोक संस्कृति के चित्रों की रेल मंत्रालय भी सराहना कर चुका है। रेलवे स्टेशन की दीवारों पर बनाए लोक चित्रों की फड़ और मंदाना शैली को पर्यटक देखकर आकर्षित हुए बिना नहीं रहते। बीकानेर रेलवे स्टेशन के पिछले गेट स्थित प्लेट फार्म नंबर 6 के पास भी ऐतिहासिक चित्रकारी की गई है, लेकिन इसे भी अभी तक यात्रियों के लिए नहीं खोला गया है।