बीकानेर,नीरज के पवन ने उत्तम काम किया है। यह तिरंगा राष्ट्रीय जीवन का बोध है। यह बुध देश के हर नागरिक में जग जाए तो राष्ट्रीय जीवन में नए युग का सूत्रपात हो सकेगा। देश की बहुत सारी समस्याओं का स्वत समाधान हो जाएगा। तो कल्पना करो भारत कितना महान देश हो जाएगा। तिरंगा केवल राष्ट्रीय एकता का प्रतीक ही नहीं है, न ही केवल राष्ट्रीय भावना है। बल्कि नई पीढ़ी को संदेश है कि हम एक संविधान, एक राष्ट्रीय सूत्र में पिरोए हुए भारतवासी हैं। एक व्यक्ति नीरज के पवन समाज और राष्ट्रीय जीवन को कैसे सकारात्मक बोध दे सकता है यह बात बीकानेर संभागीय आयुक्त कार्यालय में फहराए गए तिरंगे से समझी जा सकती है। इसके पीछे डा.नीरज के पवन की सकारात्मक सोच है जो लोगों में राष्ट्रीय भक्ति की चेतना को जगाती है। देश वासियों को राष्ट्रीय निष्ठा का यह संदेश देने की मन में उत्कंठा कैसे जगी? कैसे जनता को सहभागी बनाकर इस भावना को जन चेतना का रूप दिया गया। सात सौ लोग और उनके परिवार कितने हुए ? फिर संदेश कितने लोगों तक गया जरा गुणांक निकालिए। लाखों लोगों तक यह भावना पहुंची। इसे ही तो कहते हैं जन जन में राष्ट्रीय चेतना जगाना। ऐसे ही राष्ट्रीय एकता का भाव मजबूत बनता है। आजादी का आंदोलन हो या राष्ट्रीय विकास के सर्वजनीन मुद्दे ऐसे ही तो सफल हुए हैं। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन का यह प्रयास युवा पीढ़ी के लिए बड़ा संदेश बना है। नीरज ने प्रस्ताव रखा की जन सहयोग से संभागीय आयुक्त कार्यालय में तिरंगा लगाना है। बीकानेर के सात सौ लोगों से दो-दो हजार के सहयोग से 151 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया गया। इस पर 14 लाख रुपए व्यय हुए हैं। तिरंगा 30 गुना 20 फुट आकार का है।
वकायदा मंत्रियों, प्रशासनिक अमला और जनता के बीच एक संक्षिप्त समारोह में बीएसएफ के बैंड की देशभक्ति की धुन, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ ध्वज स्थापित किया गया। यह एक राष्ट्रीय चेतना का भाव है। तिरंगा लगाने की परिकल्पना के पीछे देश भक्ति का जज्बा ही रहा होगा। जिसने ये परिकल्पना की खुद के मन के भावों को समाज तक पहुंचाया। संभाग का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय झंडा गर्व से लहराया। अब लाखों लोगों तक राष्ट्रीय भावनाओं का संदेश दे रहा है। यह राष्ट्रीय निर्माण में सृजनात्मक योगदान है। कोई व्यक्ति कैसे राष्ट्रीय चेतना को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। बीकानेर संभाग का यह ऊंचा झंडा इसका प्रतीक बन गया है। यह कोई संभागीय आयुक्त का प्रशासनिक ड्यूटी का हिस्सा नहीं हैं। यह उनकी सोच है जिससे देश में एकात्मकता की भावना जगाई जा सके । इस दौरान वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के घोष के साथ माहौल को देशभक्ति मय कर दिया। तिरंगा प्रत्येक देशवासी की आन और स्वाभिमान का प्रतीक है। जिस प्रकार संविधान ने 140 करोड़ लोगों को एक सूत्र में पिरोया है, उसी प्रकार तिरंगा भी समूचे राष्ट्र के सम्मान का प्रतीक है। हम सब में यह बोध जग जाए। यह स्वत राष्ट्र की सेवा होगी।