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चंडीगढ़। साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार देने के बाद पंचकूला सहित हरियाणा व पंजाब में हुए दंगों में कितना नुकसान हुआ और इसके लिए मुआवजे के लिए कितने आवेदन आए हैं इसकी जानकारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार से मांगी है। गुरमीत को दोषी करार देने के बाद हुई हिंसा के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। इसकी हाईकोर्ट के तीन जजों की फुल बेंच सुनवाई कर रही है। कोरोना के कारण पिछले दो साल से इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई थी। अब जस्टिस एजी मसीह, जस्टिस ऋतू बाहरी और जस्टिस तजिंदर सिंह ढींडसा की फुल बेंच ने याचिका पर सुनवाई आरंभ की है। फुल बेंच ने कहा कि पहले यह जानना जरूरी है कि विभिन्न स्थानों पर हुए दंगों में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को कितना नुकसान हुआ है। इसके साथ ही इस नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों के निपटारे हेतू क्लेम ट्रिब्यूनल गठित करना बेहद जरूरी है। हाईकोर्ट ने अब हरियाणा व पंजाब सरकार से पूछा है कि वे इन ट्रिब्यूनल में किन न्यायिक अधिकारियों को शामिल करना चाहते हैं। यह जानकारी दोनों सरकारों को 1 जून को हाईकोर्ट में सौंपनी होगी। फरवरी 2020 में अंतिम सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि जल्द से जल्द केस का निपटारा बेहद जरूरी है। पूरे घटनाक्रम में जानमाल का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा, यह भी अभी सुनवाई के दौरान तय किया जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने दंगों में हुए नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार है। डेरे की ओर से कहा गया कि इस मामले में डेरे का दोष नहीं है न ही उससे रिकवरी की जा सकती है। नुकसान के आकलन के लिए एक कमेटी गठित की जा सकती है।_

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