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बीकानेर। पीबीएम की जनाना होस्पीटल के कार्मिकों की घौर लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। इससे नव प्रसुता के पैदा हुई बच्ची को लेकर संशय हो गया है। यह मामला नोखा मूल का पवनपुरी निवासी एक परिवार की प्रसुता से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार पवनपुरी निवासी नवीन गोरवानी की पत्नी प्रीति को 20 नवंबर की रात जनाना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 21 को ऑपरेशन कर डिलीवरी करवाई गई। ऑपरेशन थियेटर के बाहर खड़े परिवार को बताया गया कि बेटी का जन्म हुआ है। एक दो मिनट के लिए बेटी हाथ में भी दी गई। फिर वापिस लेकर बच्ची को नर्सरी में ले गए। 24 नवंबर को छुट्टी दे दी गई। वे लोग सभी कार्ड लेकर घर चले गए थे। अब डिलीवरी के 25 दिन बाद पीबीएम जनाना अस्पताल से कॉल आया। कहा कि बेटी के जन्म पर मिलने वाले एक हजार रूपए के लिए बैंक पास बुक की कॉपी व सभी कार्ड लेकर पहुंचे। कॉल आने पर नवीन पीबीएम अस्पताल के अकाउंट सेक्शन में पहुंचा। पास बुक की कॉपी के साथ ममता कार्ड, डिस्चार्ज नोट व डिस्चार्ज कार्ड भी कर्मचारी को दिया। कार्ड देखकर कर्मचारी ने बताया कि उनको बेटी के जन्म पर मिलने वाली राशि नहीं मिलेगी, क्योंकि तीन में से दो कार्ड में बेटे का जन्म होना बताया गया है। वहीं ममता कार्ड में बेटी का जन्म होना बताया है। यह जानकर नवीन के होश उड़ गए। कर्मचारी ने कहा इस कार्ड को ठीक करवाकर लाओ। नवीन ने घर आकर सारी बात बताई। अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि प्रीति की डिलीवरी के वक्त ऑपरेशन थियेटर में और दो प्रसूताएं भी भर्ती थीं। यह लापरवाही केवल कागजी नहीं है। अब यह संशय दूर करना जरूरी हो गया है कि प्रीति ने बेटी को ही जन्म दिया था या बेटे को। अगर बेटे को जन्म दिया था तो वह बेटा किसके पास है । जानकारी में पीबीएम जनाना होस्पीटल में इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी है। जब नव प्रसुताओ के बच्चे बदल दिये गये। अब नव प्रसुता प्रीति से जुड़े मामले ने एक बार फिर जनाना होस्पीटल की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है। फिलहाल इस मामले को लेकर पीबीएम प्रशासन ने जांच का अश्वासन दिया है।

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