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बीकानेर सरकार ने शराब ठेकेदारों के आगे घुटने टेक दिए हैं। इस बार शराब दुकानों को बेचने में सरकार और आबकारी विभाग को पसीने छूट रहे हैं। दुकानें नहीं बिकती देख सरकार ने अब दुकानों की आरक्षित राशि गारंटी घटा दी है।

सरकार के इस निर्णय ने शराब कारोबारियों को राहत प्रदान की है। जिला आबकारी अधिकारी डॉ भवानीसिंह राठौड़ ने बताया कि शराब राशि में 30 प्रतिशत तक कमी की है। साथ ही सरकार ने देशी शराब के लिए निर्धारित राशि के अलावा शेष वार्षिक गारंटी राशि के पेटे अनुज्ञाधारी को भारत निर्मित विदेशी शराब, बीयर व वांइन के स्थान पर भी देशी शराब उठाने की छूट दी है। शराब कारोबारी टोनी वधवा का कहना है कि सरकार ने 30 प्रतिशत आरक्षित राशि घटाकर शराब कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। अब फिर से शराब कारोबारियों का रुझान बढ़ेगा। दुकानें फिर से बिकेंगी।

आबकारी को दुकानें बिकने की उम्मीद

सरकार द्वारा अमानत राशि घटाने से आबकारी विभाग को दुकानों के बिकने की उम्मीद बंधी है। आबकारी के एक अधिकारी का कहना है दुकानों की अमानत राशि घटने से दुकानों की नीलामी के सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दुकानों के नहीं बिकने से सरकार का डंडा आबकारी अधिकारियों पर चलना तय है। सरकार की नई नीति और शराब कारोबारियों की दुकानें खरीदने में अरुचि से बड़ी परेशानी खड़ी हो है।

दुकानों की नीलामी से मिलेगा 391 करोड़ राजस्व

आबकारी विभाग के मुताबिक जिले में 226 शराब दुकानों की नीलामी से सरकार को 391 करोड़ रुपए का राजस्व मिलना है। अब तक 141 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। दुकानें नहीं बिकने से राजस्व वसूल मुश्किल लग रहा था। अब सरकार ने 30 प्रतिशत आरक्षित राशि घटाई है। अब तीसरे चरण में दुकानों की नीलामी होने की उम्मीद है।

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