
बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज की आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मुनि मंथन प्रभ सागर व बाल मुनि मीत प्रभ सागर म.सा. बीकानेर की साध्वीश्री दीपमाला व शंखनिधि का संबोधि चातुर्मासिक प्रवेश शुक्रवार हुआ। गणिवर्य, मुनिवृंद व साध्वीवृंद के ढढ्ढा कोटड़ी में 6 जुलाई से सुबह नौ से दस बजे तक नियमित प्रवचन शुरू होंगे।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर शाखा (के.यू.प) के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले होने वाले संबोधि चातुर्मास के प्रवेश शोभायात्रा (वरघोड़ा में ) श्रावक-श्राविकाएं देव, गुरु व धर्म के जयकारे लगा रहे थे। दो बैंड पार्टियां नवकार महामंत्र व भक्तिगीतों की धुन बजा रही थी। सबसे आगे घुड़ सवार पंचरंगी जैन ध्वज लिए हुए था। उसके पीछे श्राविकाएं मंगल कलश लिए हुई थी । आधा दर्जन तेल चित्रों से भगवान महावीर आदर्शों व संदेशों को प्रदर्शित किया गया। मुनि व साध्वीवृंद ने भुजिया बाजार के 576 वर्ष प्राचीन चिंतामणि जैन मंदिर, नाहटा चौक के आदिनाथ, सुगनजी महाराज के उपासरे में क्षमा कल्याणजी महाराज सहित अनेक जिनालयों में चतुर्विद संघ के साथ दर्शन वंदन किए। विभिन्न जैन बहुल्य मोहल्लों व प्राचीन जिनालयों के आगे से निकली शोभायात्रा में जगह-जगह गवली सजाकर मुनि व साध्वीवृंद का स्वागत वंदन किया गया। अनेक स्थानों पर चातुर्मास प्रवेश के पोस्टर व बैनर लगाए गए। कुछ स्थानों पर स्वागत द्वार बनाए गए।
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर शाखा (के.यू.प) के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि शोभायात्रा (वरघोड़ा) धर्मसभा में बदल गया। धर्मसभा में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने कहा कि संबोधि यानि आत्म-परमात्म, धर्म का वास्तविक बोध (ज्ञान) करें। परमात्म वाणी के अनुसार जीए तथा जिनवाणी, गुरुवाणी व आत्मवाणी से अपनी ज्ञान की पीपासा को शांत करते हुए मोक्ष की ओर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सात वर्षों के बाद बीकानेर में वर्षावास का मौका श्रावक-श्रविकाओं के लिए धर्म-आध्यात्म की साधना, आराधना व भक्ति का अनुकरणीय समय है। श्रावक-श्राविकाएं जप,तप व स्वाध्याय, जिनालयों में पूजा, दर्शन वंदन कर चातुर्मास काल को यादगार बनाएं। मुनि मंथन प्रभ सागर ने कहा कि कहावतों में बीकानेर की धर्म धरा को जिनालयों की भूमि बताया है। यह श्रद्धा व संस्कारों की नगरी है। बीकानेर के श्रावक-श्राविकाएं देव, गुरु व धर्म के प्रति प्राचीन परम्परा को संजोए रखते हुए चातुर्मास का सदुपयोग करें। बीकानेर मूल की साध्वीश्री दीपमाला ने कहा कि 15 वर्षों के बाद अपनी मातृभूमि पर चातुर्मास में साधना, आराधना व भक्ति का संयोग मिला है। इस संयोग में सहभागी बनकर श्रावक-श्राविकाएं अधिकाधित जप, तप करते हुए धर्म-आध्यात्मय जीवन के साथ आत्म कल्याण के लिए प्रयास व पुरुषार्थ करें।
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर शाखा (के.यू.प) के संरक्षक राजीव खजांची ने मुनि, साध्वीवृंद व श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत करते हुए कहा कि चातुर्मास के कार्यक्रमों में अधिकाधिक भागीदारी निभाते हुए इसका लाभ लें। तीन घंटें चली धर्मसभा में विचक्षण महिला मंडल, सामयिक मंडल, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद बीकानेर शाखा, साध्वीश्री दीपमाला के सांसारिक परिजनों, वरिष्ठ गायक सुनील पारख, अरिहंत नाहटा, भीलवाड़ा के गणेश सुराणा, रौनक कोचर ने स्वागत व भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी। ज्ञान वाटिका के बच्चो ंने दो लघु नाटिकाओं व बालिका जिनीषा नाहटा ने भक्ति गीत के साथ नृत्य की प्रस्तुति दी।
श्रावक-श्राविकाओं का अभिनंदन
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा, पूर्व अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर शाखा (के.यू.प) के संरक्षक राजीव खजांची, सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, मनोज सेठिया, वरिष्ठ श्रावक शांति लाल बैद, राजकुमार बैद, महादेव सुराणा, के.यू.प् के अध्यक्ष अनिल सुराणा, सचिव विक्रम भुगड़ी, उपाध्यक्ष कमल चंद सेठिया, धर्मेन्द्र खजांची, सह सचिव अरिहंत नाहटा, अंकित गुलगुलिया, कोषाध्यक्ष अनिल पारख, सह कोषाध्यक्ष तरुण डागा, संगठन मंत्री दीपक बच्छावत, सह संगठन मंत्री पंकज गुलगुलिया व प्रचार प्रसार मंत्री धवल नाहटा व अन्य पदाधिकारियों ने तिलक व दुपट्टा आदि से स्वागत किया। चातुर्मास के दौरान भोजनशाला के लाभार्थी किशन लाल-श्रीमती सौभाग्यवती कोठारी परिवार की किरण देवी, मंजू देवी, शांति लाल-सुमन, ओम प्रकाश -संगीता, अशोक-मोनिका, मनोज-राखी, दीपक-चारू, तरुण श्वेता, प्रेम-सज्जन, गौरव-खुशबू, हेमंत श्वेता, सौरभ, अभिषेक, अरिहंत-मोनिका, प्रेमलता राजेन्द्र,रामपुरिया, त्रिलोक्य सुन्दरी अशोक बोथरा एवं समस्त कोठारी परिवार तथा शुक्रवार को साधार्मिक भक्ति का लाभ लेने वाले परिवार का अभिनंदन करते हुए अनुमोदना की गई।
गुरु पूजन कर कम्बली ओढाई
तिरुपुर (तमिलनाडू) के तिलोक चंद, धनराज तेजराज गुलेच्छा ने गुरुपूजन किया तथा फौजराज सुन्दरालाल बांठिया परिवार सदस्य तथा गंगाशहर के निर्माणाधीन भव्य श्रीपार्श्वनाथ जैन मंदिर (गोल मंदिर) के पारस नाथ जैन मंदिर ट्रस्ट के सदस्य धनराज, कविन्द्र व संजय बांठिया ने मुनिवृंद को तथा श्राविका श्रीमती सरिता व बबीता बांठिया ने साध्वी वृंद को कम्बली ओढ़ाकर सम्मान किया।