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बीकानेर.जयपुर रोड पर हल्दीराम प्याऊ के पास स्थित खंडेलवाल स्वीट्स खाओसा रेस्टोरेंट में अग्निकांड में दो जानें जाने के बाद चेते प्रशासन का ध्यान अब सुरक्षा मानकों की तरफ गया है।

मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिसवालों की मानें, तो वहां पर अवैध रूप से गैस सिलेंडरों का भंडारण हुआ पड़ा था। इतना ही नहीं, अग्निकांड के बाद जब फायर एनओसी सहित अन्य विधिक दस्तावेजों की खोजबीन की गई, तो फायर एनओसी को लेकर भी संशय नजर आ रहा है। कहा जा रहा है कि रेस्टोरेंट संचालक के पास फायर एनओसी तक नहीं थी। अब इन्हीं चुनिंदा बिंदुओं पर जिला प्रशासन जांच कर रहा है। कलक्टर ने गैस सिलेंडरों के भंडारण और फायर एनओसी समेत दूसरे बिंदुओं पर जांच के लिए एडीएम (सिटी) पंकज शर्मा को जांच सौंपी है।

जारी हो चुका है नोटिस

नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के मुताबिक रेस्टोरेंट संचालक ने फायर एनओसी नहीं ले रखी थी। फायर एनओसी लेना तो दूर, आवेदन भी नहीं कर रखा था। पिछले साल रेस्टोरेंट को फायर एनओसी लेने के संबंध में नोटिस भी जारी किया गया था।

दावों की खुली पोल

रेस्टोरेंट में हुए अग्निकांड ने जिला व पुलिस प्रशासन के दावों की भी पोल खोलकर रख दी। इस घटना से पता चला कि जिले के होटलों, रेस्टोरेंटों, ढाबों और मिठाई के कारखानों में घरेलू गैस सिलेण्डरों का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। जोधपुर के भूंगरा में हुए अग्निकांड के बाद प्रदेशभर में एकबारगी सख्ती बरती गई थी। बीकानेर में भी जिला कलक्टर ने जिला रसद अधिकारी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया था। मगर प्रशासनिक टीम ने शहर में अवैध रूप से संचालित गैस रीलिफिंग के एक दो अवैध ठिकानों पर कार्रवाई कर इतिश्री कर ली। होटलों, रेस्टोंरेट, ढाबों और मिठाई कारखानों में रसोई गैस सिलेण्डरों के अवैध भंडार की जांच-पड़ताल में ढिलाई बरती गई।

दिखावे के लिए रखते हैं कमर्शियल गैस सिलेंडर

शहर में घरेलू गैस सिलेण्डरों का सबसे ज्यादा दुरुपयोग मिठाई के कारखानों और रेंस्टोरेंट में होता है। इनके संचालकों ने दिखावे के तौर पर कमर्शियल गैस सिलेंडर के कनेक्शन ले रखे हैं। हकीकत यह है कि इन रेस्टोरेंट्स और मिठाई कारखानों में कमर्शियल से दोगुनी तादाद में घरेलू गैस सिलेण्डरों का उपयोग किया जा रहा है। गैस ऐजेंसी संचालकों की मिलीभगत से रेस्टोरेंट व कारखाना संचालक धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग कर रहे हैं।

यह है मामला

जयपुर रोड हल्दीराम प्याऊ के पास स्थित रेस्टोरेंट में होली की रात आग लग गई, जिससे यहां काम करने वाले धन्नेसिंह व राकेश मण्डल आग में जिंदा जल गए थे। घटना के समय रेस्टोरेंट में 20 अन्य श्रमिक भी थे, जिन्हें बचा लिया गया। रेस्टोरेंट के बाड़े में 50 गैस सिलेंडरों का भण्डारण किया हुआ था।अवैध था भंडारण

रेस्टोरेंट में घटना के दिन लगभग 50 सिलेंडर रखे होने की जानकारी सामने आ रही है । इनमें 20 से अधिक घरेलू सिलेंडर थे। आग लगने से चार से पांच सिलेंडरों में विस्फोट हुआ, जिससे आग ने भयंकर रूप ले लिया। गैस सिलेंडर के लिए स्थान बनाया हुआ था। गैस सिलेंडर गैस सप्लाई प्लांट में ही रखे हुए थे। अगर आग इन सिलेंडरों तकपहुंच जाती, तो हादसे की भयावहता का सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।

डोसा प्लाजा रेस्टोरेंट में भीलगी थी आग

जेएनवीसी स्थित महर्षि गौतम सर्कल के पास स्थित डोसा प्लाजा रेस्टोरेंट में पिछले महीने आग लगी थी, जिससे रेस्टोरेंट पूरा जलकर राख हो गया था। गनीमत रही कि उस दरम्यान जान का कोई नुकसान नहीं हुआ। आग को बुझाने में करीब तीन से चार घंटे मशक्कत करनी पड़ी थी। इस रेस्टोरेंट में भी गैस सिलेंडरों का अवैध रूप से भंडारण सामने आया था।

कर रहे हैं जांच

रेस्टोरेंट में हुई आगजनी की घटना की जांच की जा रही है। सिलेंडर कहां से और कैसे लाए गए, इसका पता करेंगे। जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पंकज शर्मा, एडीएम सिटी

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