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बीकानेर सार्दुलगंज कॉलोनी में चौधरी लैब के पास स्थित मकान में गुरुवार रात तक खुशियां थीं, वहां शुक्रवार को मातम पसरा हुआ है। घर में बेटी की शादी के कारण नाते- रिश्तेदार आए हुए हैं। मंगल गीतों की स्वरलहररियां गूंज रही थीं। दुल्हन के विदा होने के कुछ घंटों बाद ही घर में मातम छा गया। सप्ताहभर पहले सडक़ हादसे में घायल दुल्हन के पिता की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही जहां घर में मंगल गीत गूंज रहे थे, वहां अब करुण क्रंदन है। दोपहर बाद शव घर पहुंचा, थी। तो कोहराम मच गया।

सादुर्लगंज कॉलोनी निवासी मूलचंद नायक (45) सप्ताहभर पहले घर से गौतम सर्कल की तरफ किसी काम से पैदल ही जा रहे थे। तभी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। राहगीरों ने उन्हें पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया और परिजनों को सूचना दी। सात दिन अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद शुक्रवार सुबह उनका दम टूट गया। इस संबंध में मृतक के बेटे योगेश कुमार ने जय नारायण व्यास कॉलोनी थाने में मामला दर्ज कराया है।

मूलचंद की बेटी की गुरुवार रात को शादी थी। शुक्रवार सुबह बेटी को परिजनों ने हंसी-खुशी विदा किया। बेटी के विदा होने के दो-तीन घंटे बाद ही पीबीएम के आईसीयू में भर्ती . मूलचंद की तबीयत बिगडने लगी। दोपहर ढाई बजे उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही घर पर परिजनों व रिश्तेदारों की रुलाई फूट पड़ी। घरवालों ने ससुराल गई बेटी को यह दुखद खबर नहीं दी। शाम साढ़े पांच बजे घर से मूलचंद की अंतिम यात्रा रवाना हुई। अंतिम यात्रा में शामिल हर किसी की आंख नम बेटी की शादी पर थे ढेरों अरमान, शादी देख ही नहीं सका : बेटी की शादी की तैयारियों में अरमानों के साथ लगा मूलचंद एक्सीडेंट के बाद उठ न सका। हादसे के अगले दिन ही कोमा में चला गया। मानो बेटी की विदाई तक ही सांस अटकी थी, उधर बेटी विदा हुई और इधर कुछ ही घंटों के अंदर मूलचंद की भी सांसें थम गई।

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