बीकानेर, किसान को कृषि उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से शुरू की गई एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ओर्गनाइजेश) स्कीम बड़े व्यापारियों और बना लिया है। उद्योपतियों की गिरफ्त में आती जा रही है।,
एफपीओ के लिए देशभर में ब्लॉक तय कर उस क्षेत्र में बहुतायत उत्पादित फसल का चयन कर उत्पादक किसानों का समूह बनाया जाना था। इन एफपीओ को केन्द्र सरकार ने छह लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी है। परन्तु फसल चयन से लेकर एफपीओ बनाने का पूरा काम धरातल के बजाय कागदो म कर कुछ लोगों ने मुनाफे का व्यापार बना लिया है।
केन्द्र सरकार ने देशभर में दस हजार और प्रदेश में 31 मार्च तक 691 एफपीओ का गठन और पंजीयन करने का लक्ष्य तय कर रखा है। फिलहाल प्रदेश में करीब 500 एफपीओ कागजों में बन चुके है। एफपीओ की निगरानी के लिए जिला स्तर पर डीएमसी (डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी) गठित है। कमेटी के अध्यक्ष जिला कलेक्टर और सदस्य सचिव नाबार्ड के जिला अधिकारी है इसके बावजूद ब्लॉक के लिए फसल चयन से लेकर एफपीओ में किसानों को जोड़ने तक मैं खेल चल रहा है।
राष्ट्रीय किसान संघ ने एफपीओ लिए बागवानी फसल व प्रोसेसिंग का गठन कर दिया गया। बागवानी बनाने वालों पर आरोप लगाया है। के लिए एफपीओ की स्वीकृति पर केन्द्र के दो संस्थान काजरी कि किसानों का नाम से एफपीओ गठित कर उनके हिस्सा राशि को व्यापारी खुद जेब से डालकर व्यापार कर रहे है। जिस किसान का नाम डाला गया है वह अनभिज्ञ है एफपीओ में जुड़े किसानों के साथ बैठक कर इसका सत्यापन किया जाना चाहिए इसी तरह बीकानेर के अन्य ब्लॉक नोखा कोलायत बज्जू श्री डूंगरगढ़ आदि मैं भी ऐसी फसलों का चयन किया गया है जिसमें किसानों की जगह एफपीओ बनने वाले के हितों को देखा गया है
राष्ट्रीय किसान संघ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर एफपीओ स्कीम की दुर्दशा से अवगत कराया है। डीएमसी ने बीकानेर तहसील के दी। जिले में कैर, सांगरी, अनार,खजूर व बैर का बहुतायत उत्पादन किया जा रहा है। परन्तु सीबीबीओ ने आज तक बेस लाइन सर्वे कर तथ्य तक नहीं जुटाए। इसके बिना ही एफपीओ और सीआइएएच बीकानेर में स्थापित है कृषि विश्वविद्यालय भी इस पर काम कर रहा है इसके बावजूद बागवानी की जगह अन्य फसल का एफपीओ स्वीकृत कराने के प्रयास चल रहे हैं। अर्जुन सिंह भाटी, – जिला मंत्री, राष्ट्रीय किसान संघ