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मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं शिक्षाविद् विमला देवी आचार्य परिवार बीकानेर के संयोजन “समाजसेवी राधेश्याम आचार्य स्मृति” में सीतला गैट हनुमान मंदिर के पास स्थित”राधेश्याम आचार्य पैलेस”में श्री मद भागवत सप्ताह कथा की आज धूमधाम से शोभायात्रा निकालकर पूर्णाहुति”की गई।। उपरोक्त भागवत कथा आयोजन श्री राधेश्याम आचार्य पैलेस” में सद् ग्रहस्थ संत मनुजी महाराज के संरक्षण मे कथा वाचन श्रीछैल बिहारी महाराज के द्वारा सातवें दिन श्रद्धालुओं को द्वादश स्कंध की पुनरावृति द्वारा कथा सुनाई गई। तत्पश्चात कृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग बतलाते हुए कहा,कि सुदामा का भगवान कृष्ण के यहां जाना अर्थात “जीव जब संसार की माया रूपी विपत्ति से जकड़ा हुआ जब परमात्मा की शरणागति की ओर जाता है, “तो परमात्मा की शरणागति समस्त विपत्तियों से मुक्त कर जीव को समस्त प्रकार के पुरुषार्थ प्राप्त करवाती है… सुदामा के प्रसंग द्वारा बालसंत जी ने कहा कि “सच्चा मित्र वह जो आपकी विपत्ति में आपका सारथी व सहायक बने। कथा मे नवयोगेश्वर संवाद एवं दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की कथा की विस्तृत व्याख्या की गई। बाल संत श्री छैलविहारी जी ने कहा की गुरु वह जो आपको जीवन जीने की कला से सिखलाता है,,जिसकी कृपा विलासिता मात्र आपके जीवन मैं आपके अंधकार रुपी जीवन को प्रकाशमान कर दे, जो सदैव अपने शिष्य के प्रति मां की भूमिका निभाए ऐसा होता है सतगुरु।।” गुरु आपके जीवन में आई निराशा की किरण को भी आपके लिए वरदान साबित कर दे यह होती है गुरु की परिभाषा।।”जो भटके हुए को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वह होता है गुरु।।तत्पश्चात बालसंत जी ने कहा कि “जो जीवात्मा संसार से परलोक गमन कर चुका हो’ उसके जाने के पश्चात सप्त दिवसीय भागवत कथा उस आत्मा को निमित्त बनाकर भागवत सप्ताह कथा श्रवण करवाता है” ” ऐसी उनकी स्मृति में की गई भागवत कथाएं सदैव करवाने वाले ऐसे पुण्यशाली यजमान को ‘धर्म अर्थ काम मोक्ष समस्त प्रकार से पुरुषार्थ की प्राप्ति करवाती है। कथा पुर्णाहुति पर बालसंत द्वारा
भागवत मे विभिन्न अतिथियों का हरिनाम का पटका ओढाकर सम्मान”किया जिसमे वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार सोनी ऐडवोकेट मधुसूदन जी पुरोहित जेठानंद जी व्यास सुरेंद्र कुमार व्यास आदि का भागवत कथा में विशिष्ट आतिथ्य रहा।।उपरोक्त अवसर पर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हरिकिशन नागल एवं राधेश्याम आचार्य परिवार के दुर्गादास गोकुल प्रसाद मनोज कुमार आदि भक्त जनों ने शिक्षाविद विमला देवी आचार्य के सानिध्य में “यथार्थ श्री मद्भभागवतगीता गीताका समस्त श्रद्धालुओं को वितरण किया।।तत्पश्चात भागवत व्यवस्था सेवाश्रम शिवरतन जी सेवक एवं संजय कुमार श्रीमाली ओमसा का सेवा भाव में सहयोग रहा। भागवत,दुर्गादास कलावती गौकुलप्रसाद संतोष मनोजकुमार रश्मि आचार्य,सौरभ नितेश शिवान्शी आचार्य, नृपेन हर्ष हैमन्त देराश्री,हरिकिशन नागल देेवकिशन गैपाल,ओमप्रकाश कुलरिया नवरत्न धामु ,नितेश आसदेव,एवं पंडित दीनदयाल सारस्वत संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था संभाल रहे हैं

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