
बीकानेर, समग्र शिक्षा अभियान की जिला निष्पादन समिति, जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोघाहार सहायता कार्यक्रम एवं पीएमश्री स्कूल योजना की समीक्षा बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। जिला निष्पादन समिति की बैठक में जिला कलेक्टर ने हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत शिक्षा विभाग को जिले में करीब 33 लाख पौधे लगाने के टारगेट को आपसी समन्वय से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।साथ ही स्कूलों में नए सत्र में करीब 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए।
जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषाहार सहायता कार्यक्रम समिति की बैठक अंतर्गत जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में मिड-डे-मील की जांच प्रतिदिन पांच बच्चों की मां से या उनके अभिभावकों से चैक कराना सुनिश्चित करें। इसको लेकर अगल से रजिस्टर मेंटेन हो और स्कूलों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी इस रजिस्टर को जरूर देखें। साथ ही मीनू के अनुरूप भोजन मिल रहा है या नहीं। इसकी भी जांच करें। उन्होंने कहा कि मिड डे मील को लेकर प्रत्येक बच्चे की राज सिम्स पोर्टल पर प्रतिदिन उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करें। तभी पूरी ग्रांट मिल पाएगी। बारिश के मौसम को देखते हुए मिल्क पाउडर व खाद्यान्न का अच्छे से भंडारण के निर्देश भी दिए। डीईओ प्रारंभिक श्री के डी चारण ने मिड डे मील के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
पीएमश्री योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को महीने में दो पीएमश्री स्कूल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। विदित है कि जिले में कुल 17 पीएम श्री स्कूल हैं। बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए स्कूलों के सभी प्रिंसिपल यह इंशोर कर लें कि स्कूल की कोई बिल्डिंग जर्जर स्थिति में तो नहीं है। अगर है तो तत्काल रिपोर्ट कर आगामी कार्रवाई करे ताकि कोई दुर्घटना ना हो। साथ ही स्कूलों में शत प्रतिशत विद्युत कनेक्शन हेतु निर्देशित किया गया।
*शिक्षा विभाग जिले भर में लगाएगा 33 लाख पौधे*
बैठक में सीडीईओ महेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले को मिले 33 लाख पौधे लगाने के टारगेट के अनुरूप कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे मानसून के दौरान कुल 10 पौधे, कक्षा 9 से बारहवीं तक के विद्यार्थी व स्कूल स्टाफ 15-15 पौधे लगाएंगे। एडीईओ माध्यमिक श्री ओम प्रकाश बिश्नोई ने बताया कि पौधों को सर्वप्रथम स्कूल की चारदीवारी में ही लगाया जाएगा। वहां जगह नहीं बचने पर गांव की शमसान भूमि में, उसके बाद पटवारी द्वारा चिन्हित जगहों पर लगाया जाएगा।
बिश्नोई ने बताया कि अगर फिर भी जगह ना मिले तो बच्चों को पौधे घर ले जाने और अपने घर के आसपास लगाने और जन्मदिन, वर्षगांठ इत्यादि के अवसर पर अभिभावकों को भी पौधा लगाने हेतु प्रेरित किया जाएगा। उन्होने कहा कि पौधे उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में बीज रोपण कर पौध तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में खाजूवाला ब्लॉक में कुछ स्कूलों ने खुद की पौध नर्सरी भी तैयार कर ली है। अन्य जगहों पर विभिन्न संगठनों के जरिए सहजन इत्यादि के बीज प्राप्त कर उन्हें लगाया जाएगा।
*स्कूलों में मियावाकी पद्धति से किया जाएगा सघन पौधारोपण*
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रामगोपाल शर्मा ने बताया कि अगर स्कूल में जगह कम हो तो जापान की मियावाकी पद्धति से भी बहुत कम जगहों पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए जा सकते हैं। इस पद्धति के अंतर्गत 1 वर्ग मीटर जगह के अंदर दो से चार देशी प्रजाति के पौधे लगाए जाते हैं।बैठक में एडीपीसी कृष्ण कुमार बिश्नोई, सहायक निदेशक भैंरोंसिंह समेत जिले के सभी सीबीईओ, एसीबीईओ इत्यादि उपस्थित रहे।