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बीकानेर,किसी भी व्यक्ति की सफलता की पहली सीढ़ी शिक्षा है, इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचार और योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा हजारों विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

एक नजर में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना

सीएम अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 में इस योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के वे अभ्यर्थी जिनकी पारिवारिक आय 8 लाख रूपये से कम हो, योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एवं रहने-खाने के लिए 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष लगभग 15 हजार विधार्थियों को निशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाती थी। जिसे राज्य सरकार की वर्ष 2023-24 की बजट घोषणा में बढ़ाकर अब प्रतिवर्ष 30 हजार विद्यार्थी कर दिया गया है।

प्रतिवर्ष 30 हजार छात्रों को मिलता है लाभ

योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 2291 अभ्यर्थियों ने कोचिंग संस्थाओं में ज्वाइनिंग ले ली है। योजना के द्वितीय फेज का पोर्टल माह जून 2023 में खोला जाएगा। इसके जरिए अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर माह जुलाई, 2023 में अभ्यर्थियों की मैरिट सूची जारी की जाएगी।

पूजा का डॉक्टर बनने का सपना हो सकेगा साकार

बीकानेर जिले की कोलायत निवासी पूजा मेघवाल इस योजना का लाभ लेकर अपने सपनों को साकार करने में जुटी है। पूजा ने बताया कि वह एक चिकित्सक बनना चाहती है और मेडिकल पात्रता परीक्षा की तैयारी में सालाना लगभग दो से तीन लाख रुपए तक का व्यय आता है। लेकिन परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते उनके पिता निजी कोचिंग संस्थान का खर्चा देने में सक्षम नहीं है।

ऐसे में जब उन्हें इस योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने योजना के तहत आवेदन किया और आवेदन को स्वीकृति मिलने के बाद उन्हें जोधपुर स्थित प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में पढने का अवसर मिला। पूजा ने बताया कि करीब 6 माह चलने वाली इस कोचिंग में उन्हें उत्कृष्ट शिक्षकों के माध्यम से तैयारी करने में सहायता मिल रही है।

पूजा और उनके पिता बेगाराम ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस महत्वपूर्ण योजना के लिए आभार जताया और कहा कि सरकार की ऐसी योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने में मददगार साबित होंगी।

कमजोर आर्थिक स्थिति अब अरविन्द के लिए नहीं बनेगी बाधा

बीकानेर जिले के नोखा निवासी अरविंद बिश्नोई ने भी कॉन्स्टेबल परीक्षा की कोचिंग के लिए इस योजना का लाभ लिया । अरविन्द ने बताया कि उनके पिताजी ऑटोपार्ट्स की दुकान चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं होने के चलते उनके लिए प्राइवेट कोचिंग की फीस दे पाना मुश्किल था। इसी बीच, अरविंद को राज्य सरकार की इस योजना का पता चला और उन्होंने योजना के तहत आवेदन किया। योजना के माध्यम से उन्हें 3 माह तक जोधपुर प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में तैयारी करने का अवसर मिला।

अरविंद ने राज्य सरकार द्वारा चलाई गई इस कोचिंग योजना को उनके जैसे विद्यार्थियों के लिए वरदान बताते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता मांगीलाल को अब यह मलाल नहीं है कि वे पैसे की कमी के चलते अपने बेटे के कोचिंग की फीस नहीं भर सके। बेटे के सरकारी नौकरी पाने के अपने पिता के सपने को पूरा करने में जुटे अरविंद राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।

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