










बीकानेर,बीकानेर में होली की रंगत अब परवान पर है। बिस्सों के चौक में देर रात तक चली “नौटंकी शहजादी रम्मत” के दौरान “माता” के रूप में बच्चा मंच पर पहुंचा तो हजारों लोग उसकी एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े। रात करीब दो बजे शुरू हुई रम्मत सोमवार सुबह नौ बजे तक भी अनवरत चलती रही। हर साल की तरह इस बार भी रम्मत देखने के लिए परकोटे और परकोटे से बाहर के लोग पहुंचे। आस-पास के मोहल्लों तक में रास्ता जाम हो गया।
आशापुरा नाट्य एवं कला संस्थान की देखरेख में रविवार रात को देवी आशापुरा माता के बाल स्वरूप के रमणसा उस्ताद के अखाड़े में अवतरण के साथ ही रम्मत शुरू हो गई। बिस्सों के चौक में जैसे ही माता का दर्शन शुरू हुआ, आशापुरा मैया के जयकारे लगे। भक्तों ने मांक की स्तुति कर प्रसाद चढ़ाया।
रम्मत के इस लोकनाट्य में भाभी के ताने “देवर हकूमत आपकी हम पर सही न जाए, देते सो दीजौ मती मुझे परवाह, आपकी खिदमतगारी करेगी ब्याही नारी, जो तन्खा तुमरी पावे, अष्ट पहर, हर घड़ी पेशवाही में वोही आवे।” दरअसल, भाभी अपने देवर से कहती है कि वो उनकी हर बात नहीं मान सकती, आपकी पत्नी आपका वेतन लेगी, तो बात भी वो ही सुनेगी। इतनी बात सुनकर देवर घर से निकल जाता है। पंजाब के सियालकोट के राजा फूल सिंह की इस कहानी को मंच पर रात भर मंचित किया जाता है। भाभी की बात से नाराज भाई अब अपने बड़े भाई की बात भी नहीं सुनता और घर छोड़कर चला जाता है। वो मुल्तान पहुंचकर वहां की शहजादी को आकर्षित करता है, उससे शादी करने पहुंच जाता है।
ये हैं कलाकार
नौटंकी शहजादी में आदित्य नारायण पुरोहित ने आशापुरा माता, हर साल की तरह कृष्ण कुमार बिस्सा ने पंजाबी उर्फ फूल सिंह, इंद्र कुमार बिस्सा ने भाई, मनोज कुमार व्यास ने नौटंकी शहजादी, विकास पुरोहित ने मलिन का रोल किया। इसी तरह प्रेम गहलोत ने भाभी, रविंद्र बिस्सा ने कोतवाल, महेंद्र बिस्सा ने यार की भूमिका निभाई।
कल होगा हर्ष-व्यास पानी खेल
मंगलवार को हर्षों के चौक में हर्षों-व्यासों का पानी का खेल होगा। चमड़े की बनी डोलची में पानी डालकर हर्ष और व्यास एक दूसरे की पीठ पर चोट पहुंचाते हैं। पानी की तेज धार से होने वाली ये चोट जबरदस्त होती है लेकिन दोनों ही इसका जमकर लुत्फ उठाते हैं। हर्ष और व्यास जाति के बीच पूर्व में हुए एक झगड़े को खत्म करने के लिए इस खेल की शुरूआत की गई थी। ये परम्परा आज भी वैसे ही चल रही है।
