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बीकानेर,संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में जो भी निर्देश दिए है उनमें अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही और आपराधिक मामलों में चिकित्सकों की ओर से सही रिपोर्ट किये जाने की बात कही है। क्या अवैध खनन रोकने में कोई बाधा है? अवैध खनन का मुद्दा पिछले दिनों जन विरोध का कारण भी बना है। जनता ने अवैध खनन से भरे ट्रकों को रोका है। बीकानेर संभाग में अवैध खनन की प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक अनेक बार शिकायते हुई हैं। ।अपराधिक मामलों में चिकित्सकों की ओर से सही रिपोर्ट देने की बात को समीक्षा बैठक में स्ट्रेस देना भी सवाल उठाता है। शराब तस्करों और हथकढ़ शराब निकलने वालों पर प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है ? संभाग मुख्यालय बीकानेर के जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था और जन समस्याओं के सच के खुद संभागीय आयुक्त साक्षी है। कितना राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासन की अनदेखी है। धरातल और समीक्षा के निर्देशो की बात में बहुत फर्क है। लोगों की समस्याओं का समाधान और सरकार की कल्याणकारी एवं फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ समाज को मिलना भिन्न बात है।

संभागीय आयुक्त ने किसानों की दिक्कते, नहरबंदी के दौरान पेयजल की बाधाएं, नहरी पानी चोरी, बाल सुधार गृहों में सुरक्षा प्रबंध, सड़क हादसों की रोकथाम के प्रयास , हाइवे से अतिक्रमण हटवाने, यातायात संकेतक ठीक से लगाने, हाइवे पर स्थित गांवों में पशुओं के सींगों पर रिफ्लेक्टर लगाए जैसे सभी विषयों पर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है। संभागीय आयुक्त ने ताल छापर में आयोजित समीक्षा बैठक में गंभीरता से जन जीवन से जुड़े प्रशासनिक जिम्मेदारी के विषय उठाएं हैं। वैसे संभाग के जिला कलक्टर और प्रशासन ये सब काम कायदे से कर रहे हैं या नहीं यह मॉनिटरिंग करना संभागीय आयुक्त की जिम्मेदारी है। समीक्षा बैठक में संभागीय आयुक्त ने जिन मुद्दों पर जोर देकर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं बेशक वे वर्तमान हालातों खुश नहीं है। तभी उनको प्रभावी कार्रवाई की बात दोहरानी पड़ रही है। क्या प्रशासन करेगा सुधार?

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