बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार के संबंध में ब्लॉक एवं ग्राम पंचायतों के साथ विडियो कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया।
इसमें जिला मुख्यालय से जिला प्रमुख श्री मोडाराम, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशा) ओमप्रकाश तथा पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. वीरेंद्र नेत्रा जुड़े। वहीं समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारियों के साथ पंचायत समितियों के प्रधान ब्लॉक स्तर से और सरपंच एवं वार्डपंच आदि ग्राम पंचायत स्तर से उपस्थित रहे।
इस दौरान जिले में लम्पी स्किन डिजीज के नियंत्रण एवं उपचार के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की गई।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने रोग के नियंत्रण एवं उपचार के संबंध में पशुपालन विभाग से प्राप्त नए दिशा निर्देशों की जानकारी दी।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने राज्य वित्त आयोग, केंद्रीय वित्त आयोग एवं निजी आय में से निर्देशानुसार राशि का उपयोग करते हुए मृत पशुओं के निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा किसी भी स्थिति में मृत पशु खुले में नहीं फेंका जाए।
जिला नोडल अधिकारी तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशा) ने कहा कि वर्तमान में लम्पी स्किन डिजीज के केस तेजी से कम हो रहे हैं। सामूहिक प्रयासों से जल्दी ही यह बीमारी जिले में समाप्ति पर होगी। उन्होने जिले में रोग नियंत्रण हेतु उपलब्ध मानव संसाधन और औषधियों की उपलब्धता की जानकारी दी।
ब्लॉक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, गौशाला संचालकों के साथ चर्चा की गई और लम्पी स्किन डिजीज के संबंध में फीडबेक लिया गया।
जिला प्रमुख महोदय ने रोग पर तेजी से नियंत्रण हेतु सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, गौशाला संचालकों को मिलजुल कर कार्य करने का आह्वान किया।
जिला कलक्टर ने कहा कि मृत पशु खुले में नहीं रहे। ग्राम पंचायातें आगे बढ़कर इस रोग के नियंत्रण में अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने बताया कि दवाइयों के लिए अब तक जिला स्तर 16 लाख एवं ब्लॉक स्तर पर 14 लाख से अधिक राशि की औषधियाँ भामाशाहों द्वारा उपलब्ध करवाई गई है।