बीकानेर। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में मचे हाहाकार के दौर में रेमडेसिवर इंजेक्शनों समेत एंटीबॉडी दवाओं की कालाबाजारी करने वाले दवा कारोबारियों के अरमान तीसरी लहर में अधूरे रह गये। जानकारी में रहे कि कोरोना संक्रमण पहली और दूसरी खतरनाक लहरों में मचे मौत के तांडव के दौरान रेमडेसिवर इंजेक्शनों और एंटीबॉडी दवाओं की कालाबाजारी इस कदर परवान पर रही कि तीन हजार का रेमडेसिवर इंजेक्शन पचास हजार तक में बेचे गये,इसके अलावा कोरोना रोगियों को बचाने के लिये दवाओं की खूब कालाबाजारी हुई थी। बीकानेर में पुलिस और एसओजी ने अलग अलग कार्यवाही कर रेमडेसिवर इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वालों को दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचाया । इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेण्डरों की कालाबाजारी करने वालों पर भी पुलिस ने कड़ाई से शिंकजा कसा। रेमडेसिव इंजेक्शनों की कालबाजारी में बीकानेर के कई नामी डॉक्टरों और दवा कारोबारियों के नाम उजागर हुई। इनमें दवा कारोबार जगत के नामी मित्तल बंधूओं के खिलाफ हुई कार्यवाही का मामला सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। पुख्ता खबर है कि पहली और दूसरी लहर के संक्रमण पर काबू करने जिन दवाओं और इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग हुई थी। बड़े दवा कारोबारियों ने इस बार भी उन पर दांव खेला था। लेकिन पासा उल्ट पड़ गया। तीसरी लहर का संक्रमण तो तेजी से बढ़ा, लेकिन उन दवाओं की जरूरत नहीं पड़ी। दवा कारोबार से जुडे लोगों का कहना है कोरोना की तीसरी लहर के आते ही कई कारोबारियों ने रेमेडेसिवर सहित जिंक दवाओं का बड़े पैमान पर स्टॉक किया था,अब उनकों डंप करना पड़ रहा है।
घर पर ठीक हुए अधिकांश कोरोना मरीज
तीसरी लहर में संक्रमण तेज तो है, लेकिन अभी तक संक्रमित घर पर सामान्य दवाओं से ही ठीक हो रहे हैं। इसलिए न तो इंजेक्शन की जरूरत पडी है और न दवाओं की। बीकानेर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का आंकडा देखा जाये तो अधिकांश संक्रमितों को होस्पीटल में भर्ती करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। इनके अलावा जिन रोगियों को होस्पीटल में भर्ती करना पड़ा वह भी कोरोना के सामान्य इलाज से रिवकर हो गये। जानकारी में रहे जानलेवा कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा डिमांड रेमडेसिवर इंजेक्शन की थी। ३ हजार कीमत का इंजेक्शन 50 हजार तक बिका था डिमांड देखते हुए नकली इंजेक्शन तक बाजार में आए थे। तीसरी लहर में इस इंजेक्शन की मांग होगी। अनुमान पर 1.5 करोड से ज्यादा इंजेक्शन स्टॉक किए गए।
सिर्फ मास्क कारोबार बढ़ा,सेनेटाइजर का धंधा पिटा
इस बार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने मास्क तो खरीदे हैं ,लेकिन सेनेटाइजर की खपत नहंी बढ़ी है। हालांकि कोविड गाइडलाइन के मुताबिक संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाइजेशन भी जरूरी है। लेकिन तीसरी लहर में लोग सेनेटाइजर का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। जबकि इस मेडिकल कारोबार से जुडे लोगोंं को अनुमान था तीसरी लहर में सेनेटाइजर की खपत भी पिछली दो लहरों की तरह तेज होगी। इसलिए भारी तादात में उसका भी स्टॉक किया। लेकिन अनुमान गलत साबित रहा।
इंजेक्शन की जरूरत नहीं
पीबीएम होस्पीटल में कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ.सुरेन्द्र वर्मा के मुताबिक तीसरी लहर में संक्रमण तेजी से फैलने वाला बॉडी बनाने वाली दवाओं की जरूरत नहीं है।