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जोधपुर/बीकानेर| बीकानेर की केंद्रीय जेल के एक बंदी को मां की मौत के बावजूद पैरोल नहीं देने के मामले में हाईकोर्ट ने बीकानेर जेल अधीक्षक और कलेक्टर को तलब किया है। बंदी गिरधारी सिंह की मां का 9 मार्च 2022 को निधन हो गया था। उसने 10 मार्च को आकस्मिक पैरोल मांगी। जेल अधीक्षक ने उसकी अर्जी कलेक्टर के पास भेज दी। उचित आदेश पारित पर 4 दिन में फैसला होना चाहिए, उसकी फाइल एक महीने नहीं होने के कारण अर्जी अधीक्षक को लौटा दी गई। जिस अर्जी तक घूमती रही तो बंदी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इस पर दी गई। हाईकोर्ट ने मंगलवार को बंदी की अधिवक्ता रंजना सिंह मेड़तिया के आग्रह पर पैरोल 7 दिन से बढ़ाकर 15 दिन कर दी।

आकस्मिक पैरोल पर सतर्कता बरतने की कई बार हिदायत दी:कोर्ट,न्यायाधीश संदीप मेहता और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने अधिकारियों के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, जेल और पैरोल से जुड़े अधिकारियों को आकस्मिक पैरोल आवेदनों पर निर्णय लेते समय सतर्क रहने, आवेदन मिलते ही एक सप्ताह में आदेश पारित करने के निर्देश दिए थे। पैरोल रूल्स में भी आकस्मिक पैरोल पर 4 दिन में निर्णय पारित करना आवश्यक है।

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