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बीकानेर,राष्ट्रीय कवि चौपाल के संस्थापक-वरिष्ठ साहित्यकार समाजसेवी एवं उद्योगपति नेमचन्द गहलोत का निधन होने पर साहित्य जगत व अन्य क्षेत्र में शोक व्याप्त हो गया। कीर्तिशेष नेमचन्द गहलोत पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। आज उनका निधन हो गया एवं उनकी अन्तिम यात्रा गंगाशहर रोड़ स्थित उनके निवास करणी-कृपा से रवाना होकर उनकी पैतृक कल्याण भूमि सुजानदेसर पहुंची। शव यात्रा मंे शोकाकुल वरिष्ठ साहित्यानुरागी एवं पूर्व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नन्दकिशोर सोलंकी, वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा, शायर जाकिर अदीब, बुनियाद हुसैन, कवि गिरिराज पारीक, लीलाधर सोनी, बाबूलाल छंगाणी, गंगाबिशन बिश्नोई, एड. महावीर सांखला, शिक्षाविद् जेठमल सांखला, रामेश्वर साधक, घनश्याम सिंह, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. जी.सी. जैन, डॉ. तुलसीराम मोदी, पूर्व सरपंच नरेन्द्र स्याणी, रमजान अब्बासी, राजाराम स्वर्णकार सहित सभी ने नम आंखों से दुःख व्यक्त करते हुए उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया और उन्हें अपनी भावांजलि एवं श्रृद्धांजलि अर्पित की। उनकी पैतृक कल्याण भूमि में उनके पुत्र जुगल किशोर, अनिल कुमार, पौत्र ईश्वर एवं डालचंद सहित सभी ने उन्हें नम आंखों एवं श्रद्धा-भाव के साथ मुखाग्नि अर्पित की। इसके साथ ही उनके भ्राताओं एवं समाज के गणमान्यों एवं गहलोत परिवार के सदस्यों ने उन्हें अपनी भावभीनी आत्मिक अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। सैकड़ों गणमान्य लोगों ने उनकी अन्तिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें अपनी अन्तिम श्रद्धा अर्पित की।

*संवाद प्रेषक*
*कमल रंगा*

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