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बीकानेर, केंद्रीय कला एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि किसी कार्य को मेहनत-लगन से किया जाए, तो उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है।

केंद्रीय कला एवं पर्यटन मंत्री ने रविवार को ढींगसरी गांव में खेल मैदान व हॉस्टल के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कुछ समय पूर्व तक क्षेत्र की बालिकाओं के पास साधन-संसाधनों की कमी थी, लेकिन इसके बावजूद इन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की। अब इन बेटियों को चार खेल मैदान, हॉस्टल सहित सभी सुविधाएं मिल गई हैं, ये सफलता के नए आयाम स्थापित करेंगी।

शेखावत ने बेटियों की मेहनत व प्रशिक्षक एमएम विक्रमसिंह राजवी के मार्गदर्शन को सराहा। उन्होंने बालिकाओं के परिजनों को फुटबॉल खेलने के लिए सहमति देने के लिए भी आभार जताया। भामाशाहों व सहयोगियों का धन्यवाद धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रयासों ने गांव की प्रतिभाओं को आगे बढऩे का अवसर दिया।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बीकानेर को भामाशाहों की नगरी बताया और कहा कि बीकाजी और हल्दीराम ग्रुप जैसे भामाशाह इन क्षेत्रों में सदैव आगे रहते हैं।

कोलायत विधायक अंशुमान सिंह ने बताया कि कोच विक्रम सिंह के मार्गदर्शन व भामाशाहों के सहयोग से खेल मैदान, हॉस्टल व अन्य कई सुविधाएं मुहैया हुई हैं। यह ढींगसरी सहित आसपास के अनेक गांवों की बालिकाओं को फुटबॉल खेल में विश्वस्तरीय पहचान दिलाएगा। विधायक श्री भाटी ने कहा कि बीकानेर से लगभग 72 किमी दूर नोखा के ढींगसरी गांव के इस खेल मैदान में पहले केवल टिब्बे और उबड़-खाबड़ मैदान था, वहां अब हरी दोब का शानदार मैदान है। अब गांव की बेटियां अपनी मेहनत से जल्द ही विश्वस्तर पर ढींगसरी का नाम अंकित करवाएगी। अंशुमान सिंह ने कहा कि ढींगसरी गांव के ही भामाशाह जेठमल पंचारिया ने बेटियों के खेल मैदान के लिए दो बीघा जमीन उपलब्ध करवा कर समाज सेवा की सच्ची मिसाल कायम की है।

चंद्रवीर सिंह राजवी ने बताया कि मैदान के लिए प्रथम बार देने वाले लोगों का केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि कि उत्कल व बीकाजी के सहयोग से जल्द ही बालिकाओं के मार्गदर्शन के लिए दो नए कोच लगाए जाएंगे।

कुंजन कंवर ने स्वागत उद्बोधन दिया। चंद्रवीर सिंह राजवी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
कार्यक्रम में बीकाजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक अग्रवाल, अर्जुन अवार्डी मगन सिंह राजवी, सुभाष भूरा, प्रकाश भूरा,  धर्मचन्द भूरा, यूआईटी के पूर्व चैयरमेन महावीर रांका, राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव दिलीप सिंह शेखावत और कोच  विक्रम सिंह राजवी आदि मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में युधिष्ठर सिंह भाटी, करणप्रताप सिंह सिसोदिया, कोलायत के पूर्व प्रधान जयवीर सिंह भाटी, भूपेन्द्र सिंह कक्कू, दानवीर सिंह भाटी, राजेन्द्र सिंह, पूर्व डायरेक्टर स्पोर्ट्स एमजीएसयू डॉ. एसएल प्रजापत, जाहिद लोदी, मोहन सिंह नाल एवं खेलप्रेमी व ग्रामीणजन आदि उपस्थित रहे।

एक वर्ष में हो गया कायापलट
लगभग एक वर्ष पहले में ढींगसरी की बेटियों ने कोच विक्रम सिंह राजवी के मार्गदर्शन में नेशनल टूर्नामेंट में परचम फहराया तो उम्मीदें जगी। अगस्त 2024 में ढींगसरी की बेटियों के नेशनल जीतने के बाद पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी एवं उनके सहयोगियों द्वारा 17 लाख 83 हजार रुपए का सहयोग करके मैदान के कायापलट की शुरुआत की गई। ग्रामीणों ने भी अपनी बेटियों के लिए मेहनत की तथा नोखा निवासी भुवनेश्वर प्रवासी उत्कल बिल्डर्स के चैयरपर्सन सुभाष भूरा के ने एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करवाया तथा उनके सहयोगियों द्वारा खेल उपकरण जूते टी-शर्ट व अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध हो रहा है। इसी के साथ रामलाल सूरजदेवी रांका चैरिटेबल ट्रस्ट के महावीर रांका, बीकाजी ग्रुप के एमडी दीपक अग्रवाल सहित अनेक भामाशाह आगे आए और तीन घास व दो बीच फुटबॉल मैदान, गर्ल्स हॉस्टल, इक्विपमेंट, ड्रेसेज, डाइट सहित बेहतरीन सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।

दिनभर स्कूल….सुबह-शाम खेल का मैदान
कोच विक्रम सिंह राजवी ने बताया कि उनका सपना साकार हो रहा है और गांव की बालिकाएं खेल के क्षेत्र में गौरव बढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि गांव की मुन्नी भांभू अंडर 17 फुटबॉल टीम की सदस्य हैं और सीनियर वूमेन टीम के लिए भी उसको कॉल किया गया है। कई वर्षों की मेहनत के बाद बदलाव इतना आया है कि अब खुद परिवार वाले बच्चियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं व ग्रामीणजनों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसको देखते हुए लगता ढींगसरी निश्चित रूप से एक दिन मिनी ब्राजील का रूप लेगा।

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