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बीकानेर शहर में गली-मोहल्लों से मुख्य मार्गों तक अंधेरा पसरा होने के बाद भी निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था पर निगम हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है। निगम अधिकारियों से लेकर संबंधित कंपनी और संवेदक फर्म तक की व्यवस्थाएं हैं फिर भी अंधेरे में डूबी रहने वाली सड़कें निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही हैं। सड़कों पर अंधेरे के हालात यह है कि हाइवे भी अंधेरे से अछूते नहीं है। एक बार लाइट बंद होने के कई दिनों बाद तक लाइटें शरू नहीं हो पाती है।

हाइवे पर अंधेरा

जैसलमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस लाइन से रेलवे ओवर ब्रिज तक पिछले कई दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है। इस मार्ग पर रात को बड़ी संख्या में तेज गति से वाहन निकलते रहे हैं। अंधेरे के कारण यहां हर समय किसी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस मार्ग पर आए दिन रोड लाइटों के बंद रहने की समस्या बनी रहती हैं। वहीं कई कॉलोनी क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों की मुख्य सड़कों और गली-मोहल्लों में अंधेरे के कारण लोग परेशान है।

पार्षद भी संतुष्ट नहीं

निगम की सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था से निगम के कई पार्षद भी संतुष्ट नहीं है। आए दिन पार्षद निगम पहुंचकर अपने अपने वार्डो में शेष रहे विद्युत पोल पर एलइडी लाइटें लगवाने और बंद लाइटों को शुरू करवाने की मांग करते रहते हैं। बताया जा रहा है कि निगम की ओर से शहर में करीब 45 हजार एलइडी लाइटों को लगाने का काम हो चुका है। इसके बाद भी सड़कों पर रहने वाला अंधेरा सवाल उत्पन्न कर रहा

है। प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं

निगम पार्षदों का आरोप है कि शहर की सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को लेकर निगम की प्रभावी मॉनिटरिंग व्यवस्था नहीं है। अधिकारी रात के समय न सड़कों पर निकलते हैं और न ही रोड लाइटों की स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं। पार्षदों के अनुसार जहां कई स्थानों पर रात लाइटें नहीं जलती है, वहीं कई स्थानों पर दिन में भी लाइटें जलती रहती हैं। निगम में प्राप्त हो रही शिकायतों का भी उचित एवं प्रभावी तरीके से निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

ऑन-आफ पर हर साल लाखों का भुगतान

निगम की ओर से शहर में लगाई गई एलइडी लाइटों में से पचास फीसदी लाइटें भी सीसीएमएस पर नहीं हैं। बताया जा रहा है कि सीसीएमएस से 22 हजार लाइटें ही के लगभग रही है। शेष लाइट मैन्यूअली ऑन ऑफ हो रही हैं मैन्यूअली ऑन ऑफ पर निगम हर साल लगभग 15 से 18 लाख रुप खर्च कर रहा है।

साढ़े 47 हजार लाइटें

निगम शहर में 47 हजार 500 5 एलइडी लाइटें लगाने का दावा कर रहा है। बताया जा रहा है कि ईईसीएल कंपनी ने प्रथम फेज में 29 हजार और द्वितीय फेज में 3500 रोड लाइटें लगाई। निगम ने अपने स्तर पर पहले चरण में 6500, दूसरे चरण में 1500 और तीसरे चरण में 7 हजार लाइटें लगाने का काम किया है। इसके बाद भी गली-मोहल्लों से हाइवे तक आए दिन रहने वाला अंधेरा कमजोर मॉनिटरिंग की ओर इशारा कर रहा है।

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