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बीकानेर में शनिवार को आयोजित सीईटी परीक्षा के एक सेंटर पर दोनों हाथों से दिव्यांग कमला पेपर देने पहुंची.

उसे देखकर सभी लोग हैरान रह गए. दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी कमला के हौसले में कोई कमी नहीं देखने को मिली.

चूरू जिले के सरदारशहर तहसील के अमरपुरा गांव की रहने वाली कमला ने बताया कि जब वह स्कूल में पढ़ रही थी उसी दौरान करंट लग जाने से उसके दोनों हाथ खराब हो गए थे. ऑपरेशन के बाद उसके दोनों हाथ काटने पड़े.

कमला के हाथ नहीं है। लेकिन वह एक हाथ पर बेल्ट बांधकर उसमें पैन को बेल्ट के नीचे दबाती है. उसके बाद वह सामान्य अभ्यर्थियों की तरह कॉपी पर पेन चलाती है. कमला नहीं चाहती कि कोई उसे दया की दृष्टि से देखे. वह खुद के पैरों पर खड़े होकर हाथ नहीं होते हुए भी परेशानियों से मुकाबला करना चाहती है.

कमला ने बताया कि उसने प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थियों को भी कहा है कि हौसला रखें. नियमित मेहनत करते रहे तो कोई भी बाधा आपको सफलता पाने से नहीं रोक सकती. उसका यही हौसला और जज्बा उसके दोनों हाथ नहीं होते हुए भी सीईटी की परीक्षा देने के लिए परीक्षा केन्द्र तक खींच लाया.

बकौल कमला हाथ कटने के बाद भी उसने हार नहीं मानी. वह बीएसटीसी और रीट सहित कई परीक्षाएं पास कर चुकी है. अभी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी है. कमला का लक्ष्य है कि वह शिक्षक बनकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का उजियारा फैलाए.

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