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बीकानेर,नाबालिग से दुष्कर्म के तीन वर्ष पुराने एक मामले में आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रूपए की क्षतिपुर्ति राशि नाबालिग को देने का आदेश सुनाया। अदालत ने क्षतिपुर्ति राशि पीड़िता को दिलवाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को कहा है।

पोक्सो न्यायालय की पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी जैन ने आज यह फैसला अदालत में सुनाया। फैसले के अनुसार जसरासर गांव निवासी आरोपी कैलाश नायक को यह सजा 16 गवाहों की गवाही सुनने के बाद दी गई। है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी विशिष्ठ लोक अभियोजक सुभाष साहु ने की। वहीं आरोपी की ओर से एडवोकेट रामरतन गोदारा ने की।

12 जुलाई 2020 को नाबालिग पीड़िता के पिता की ओर से जसरासर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई। एफआईआर के अनुसार 7 वर्षीय पीड़िता और 9 वर्षीय भाई ढाणी के पड़ौस के खेत में बकरियां चराने गए। तभी वहां आरोपी कैलाश नायक आ गया। आरोपी दोनों को डराते-धमकाते हुए खेजड़ी के पेड़ के पास ले गया। पेड़ के पास पहुंचने पर आरोपी ने दोनों को गुटखा दिया और भाई को वहां से चले जाने का कहा और पीड़िता को अपने साथ चलने का कहा।

पीड़िता ने साथ जाने से मना कर दिया साथ ही भाई ने विरोध किया तो आरोपी ने पीड़िता के भाई को धमकाकर वहां से भगा दिया। वहां से कुछ दुरी पर ले जाकर नाबालिग पीड़िता से दुष्कर्म किया। नाबालिग के जोर-जोर से रोने की आवाज सुनकर उसका भाई वापिस आया। पीड़िता के रोने की आवाज सुनकर भाई डर के मारे ढ़ाणी की तरफ भागा। पीछे से आरोपी ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता को दस रूपए देकर धमकाते हुए डराया कि किसी को बताना मत।

ढ़ाणी में पहुंचे भाई ने अपने पिता सहित अन्य लोगों को लेकर घटनास्थल तक वापिस आया। इतने लोगों को आता देखकर आरोपी वहां से भागने की कोशिश करने लगा। लोगों ने पीछा कर आरोपी को पकड़ लिया था। लेकिन आरोपी ने वहां किसी भी तरह की घटना से इन्कार कर दिया।

फिर पुलिस को सूचना दी गई जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा। तीन साल तक मुकद्दमें की सुनवाई चली। उसके बाद नाबालिग पीड़िता को न्याय मिल सका।

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