
बीकानेर,रामदेवरा,सक्षम संस्थान पाली एवं दिव्यांग सेवा संस्था पाली-जालौर-सिरोही के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक प्रेरणादायी दिव्यांग रैली आज बाबा रामदेव की पावन धरा रामदेवरा में सम्पन्न हुई। इस रैली में 101 दिव्यांगजन (महिला एवं पुरुष) शामिल हुए, जो राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त चौपहिया, थ्री व्हीलर स्कूटी आदि साधनों पर सवार होकर लगभग 300 किलोमीटर की कठिन यात्रा तय कर जयकारों और जोश के साथ नेत्र कुम्भ शिविर में पहुँचे।
दिव्यांग रैली का नेतृत्व
— यह विशेष रैली दिव्यांग सेवा संस्थान के निदेशक झालाराम देवासी के नेतृत्व में निकाली गई। इस अवसर पर राजू देवासी, सुरेश देवासी तथा जयपुर से आई रैना भारद्वाज सहित कई विशिष्ट दिव्यांगजन भी शामिल हुए। रैली का उत्साह देखने लायक था और नेत्र शिविर में पहुँचते ही पूरा वातावरण भावुक और प्रेरणादायी बन गया।
108 वर्षीय दिव्यांग संत आत्मानन्द गिरि का आशीर्वाद,इस रैली की सबसे विशेष उपस्थिति रही मध्य प्रदेश से पधारे 108 वर्षीय दिव्यांग संत। उन्होंने शिविर स्थल पर सम्बोधन देते हुए कहा कि –
“रामदेवरा में हो रहा नेत्र कुम्भ समाज की एक अनूठी और दूरदर्शी पहल है। सक्षम जैसी संस्थाओं की सेवाओं से भविष्य में कोई भी नेत्र दिव्यांग न बने, यही सबसे बड़ा पुण्य है।”
सक्षम संस्थान द्वारा सम्मान एवं स्वागत
नेत्र कुम्भ आयोजन समिति ने सभी 101 दिव्यांगजनों का सभागार परिषद में अभिनन्दन एवं सम्मान किया। समिति ने कहा कि दिव्यांगजन होकर भी इतनी लंबी दूरी तय करना समाज के लिए प्रेरणा का संदेश है –
“होंसला हो तो दिव्यांगता अभिशाप नहीं, बल्कि समाज में योगदान का माध्यम बन सकती है।”
दिव्यांग सेवा संस्थान का योगदान
पाली स्थित दिव्यांग सेवा संस्थान एक गैर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना शारीरिक दिव्यांग झालाराम देवासी ने कृष्ण जन्माष्टमी 2016 को की थी। यह संस्था लम्बे समय से वंचित वर्ग के पुनर्वास और सहयोग के लिए कार्यरत है। पाली संभाग में संस्थान द्वारा स्थापित ‘दिव्यांग सेवा मन्दिर’ हजारों दिव्यांगजनों के जीवन में आशा का केन्द्र बन चुका है।
होंसले की मिसाल:
नेत्र कुम्भ शिविर में पहुँचे दिव्यांगजनों में अस्थि दिव्यांग, मानसिक दिव्यांग, रक्त बाधित दिव्यांग (थैलेसीमिया) सहित कई विशेष दिव्यांगजन शामिल रहे। लम्बी दूरी की यह कठिन यात्रा उनके साहस, आत्मविश्वास और सेवा भावना की अद्वितीय मिसाल बनी।
संस्थापक झालाराम देवासी का उद्बोधन–
संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष झालाराम देवासी ने रैली में शामिल सभी दिव्यांगजनों को सम्बोधित करते हुए कहा –
“हमारा यह सफर केवल यात्रा नहीं बल्कि समाज को यह संदेश देने का प्रयास है कि दिव्यांगजन भी संकल्प और सेवा से समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। नेत्र कुंभ में सक्षम संस्थान का कार्य वाकई प्रशंसनीय और प्रेरणादायी है।”
प्रतिभागियों की भावनाएँ
सुरेश देवासी (पाली) – “300 किलोमीटर का सफर आसान नहीं था, लेकिन बाबा रामदेव की कृपा और साथियों का उत्साह देखकर थकान भी ऊर्जा में बदल गई।”
गीता देवी (सिरोही, दृष्टिबाधित) – “नेत्र कुंभ ने मुझे यह भरोसा दिया कि अंधकार के बाद भी रोशनी की एक किरण हमेशा मौजूद रहती है।”
राजू देवासी (जालौर) – “यह यात्रा समाज को यह बताने के लिए है कि दिव्यांगजन भी सपनों को हकीकत बना सकते हैं।
एक दिव्यांग का सफर – सपनों से हकीकत तक:–
आज की यह रैली इस बात का प्रमाण बनी कि जब आत्मबल और संकल्प मजबूत हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। दिव्यांग सेवा संस्थान और सक्षम संस्थान का यह संयुक्त प्रयास समाज में नई चेतना और प्रेरणा का दीपक प्रज्वलित कर रहा है।
कल दिनांक 22 अगस्त को 4317 पंजीकरण, 4173 लोगो को नेत्र परामर्श, 3611 लाभार्थियों को निशुल्क चश्मे ओर 3280 रोगियों को दवाइया प्रदान की गई।