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बीकानेर,इन दिनो  बीकानेर में भी शहर की सरकार के प्रतिनिधि आयुक्त के अडय़ल रवैये से खासे नाराज है। जिसके चलते लंबे समय से कांग्रसी व समर्थित निर्दलीय पार्षदों का निगम आयुक्त गोपालराम से टकराव चल रहा है। इस टकराव के चलते न केवल शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला की छवि धूमिल हो रही है। बल्कि पार्षदों के पहले से चल रहे दो गुटों में एक गुट ओर होकर कांग्रेस तीन गुटों में बंट चुकी है। हालांकि इस स्थिति से निपटने के लिये मंत्री के भतीजे ने दखल देते हुए डेमेज कंट्रोल के लिये एक गुप्त बैठक रखी। लेकिन इस बैठक में भी असंतोष की चिन्गारी देखने को मिली। विश्वस्त सूत्रों में मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में आधे से ज्यादा कांग्रेसी- निर्दलीय पार्षद नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि कई निजी कारणों की आड़ में इस बैठक से बचते नजर आएं है। सूत्र बताते है कि जिस उद्देश्य के लिये यह बैठक बुलाई गई। उसका समाधान नहीं निकला। महज यह बैठक औपचारिक बनकर रख गई।

नहीं बदला आयुक्त का रवैया,बाहर आते ही बदले तेवर
सूत्र बताते है कि बैठक के दौरान मंत्री के भतीजे ने आयुक्त को पार्षदों से समन्वय बनाकर चलने की सीख दी और आइन्दा अगर विवाद के हालात बने तो पार्षदों का साथ देने की बात कही। जिस पर आयुक्त ने उस समय तो हामी भी भर ली। लेकिन जैसे ही बैठक खत्म हुई और सभी बाहर आएं तो आयुक्त यह कहते नजर आएं कि मैं तो पहले ही वैसे ही था। मैनें किसी से कोई अभद्रता नहीं की। जिस पर पार्षदों की भी हवा निकली गई।

ये रहे बैठक में मौजूद,इनकी रही अनुपस्थिति
भाजपा बोर्ड के बावजूद कांग्रेसी पार्षदों के कार्यों को प्राथमिकता देने के लिये आपसी समन्वय और पार्षद के विवाद को निपटाने के लिये बुलाई गई इस बैठक में अनेक पार्षद नदारद रहे। जानकारी मिली है कि बैठक में महिला पार्षद तो नहीं पहुंची। लेकि न उनके प्रतिनिधि सुरेन्द्र डोटासरा,मुजिब खिलजी,ताहिर हुसैन,यूनिस अली के अलावा मनोज विश्नोई,प्रफुल्ल हटीला,जावेद खान,वसीम फिरोजी,पारस मारू,अकबर खादी ही मौजूद रहे। जबकि गैर पार्षद के रूप में विक्की चढ्ढा व मुरली स्वामी बैठक का हिस्सा रहे। उधर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा मंत्री से नाराज चल रहे कई पार्षद भी बैठक में नहीं आएं। इनमें जावेद पडिहार,आनंद सिंह सोढ़ा,शहजाद भुट्टो,रमजान अली कच्छावा,शिवशंकर बिस्सा,दुर्गादास छंगाणी,अंजना खत्री,सुभाष स्वामी,महेन्द्र सिंह बडगुजर,सुशील सुथार,नंदलाल जावा,सुरेन्द्र राठौड़,आजम अली,नितिन वस्सस,मनोज किराडू सहित मनोनीत पार्षद भी है। इनमें से कुछ ने तो बहाना बनाकर रास्ता निकाल लिया। लेकिन कुछ चुने गये बैठक स्थल के चलते नहीं पहुंचे।

राजनीतिक गलियारों में गर्माई बैठक
उधर यह बैठक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे है। कई इसे डेमेज कंट्रोल के नाम पर शक्ति प्रदर्शन का रूप दे रहा है तो कई इसे अपनी जमीन टटोलने की संज्ञा से विभूषित कर रहे है। हालांकि यह समझौता वार्ता के रूप में बुलाई गई इस बैठक ने नई राजनीतिक विचारों की जंग शुरू कर दी है।

संभागीय आयुक्त ने अलग से की वार्ता
वहीं सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मेधराज पंवार की अगुवाई में संभागीय आयुक्त नीरज के पवन की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें कई नदारद पार्षद मौजूद रहे। अब इस बैठक को लेकर भी चर्चाएं होने लगी है।

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