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बीकानेर,नई आबकारी नीति में दुकानें नहीं उठने व रुठे ठेकेदारों को मनाने में आबकारी विभाग फिर विफल रहा। बार-बार नीलामी के बावजूद ठेकेदारों ने बची दुकानें लेने में कोई रुझान नहीं दिखाया। ऐसी स्थिति में पशोपेश में फंसी सरकार व विभाग घाटा खाकर अब इन दुकानों को राजस्थान स्टेट ब्रेवरीज कॉपरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) व गंगानगर शुगर मिल (जीएसएम) को बिना गारंटी दे रही है। इन दोनों उपक्रमों पर शराब बेचने का कोई टारगेट व जिम्मेदारी तय नहीं है। यह माल उठाए या ना उठाए इन्हें कोई पूछने वाला नहीं होगा। पहले चरण में विभाग ने करीब 30 दुकानों को आरएसबीसीएल-जीएसएम को देने का निर्णय किया है।

पूरे प्रदेश में 7665 दुकानों में से पहले चरण में 2556 दुकानों का ही नवीनीकरण हो पाया है। बची 5109 दुकानों के लिए प्रदेशभर में अलग.अलग चरण में बोली लगाई गई लेकिन, ज्यादा दुकानें नहीं उठी। कुल बंदोबस्त का 70 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। 30 प्रतिशत पूरा करने के लिए विभागीय अधिकारी निचले अधिकारियों को टारगेट देते हुए पाबंद किया और बार-बार नीलामी की लेकिन, ठेकेदारों ने रुझान नहीं दिखाया। ऐसी स्थिति में सरकार अब बची दुकानों को आरएसबीसीएल व जीएसएम को देने जा रही है।

गारंटी तय हुई थी तो फेल हो गए थे दोनों उपक्रम
सरकार ने पहले भी बची दुकानों को चलाने के लिए आरएसबीसीएल को चलाने के लिए दुकानें दी थी। इन दुकानों पर भी ठेकेदारों की तरह से गारंटी तय की गई थी लेकिन, आरएसबीसीएल वाले दो से तीन माह भी इन दुकानों को नहीं चला पाए। अब सरकार ने इनकी गारंटी हटा दी तो ये दुकानों को लेकर राजस्व घाटा देंगे। क्योंकि तय गारंटी की शराब नहीं उठाने से यह माल गोदामों में पड़ा रहेगा।

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