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बीकानेर,हमारे पूवर्जों, दानदाताओं ने भारतीय संस्कृति व पशुपालन को बचाने के लिए हजारों बीघा जमीन पशुओं के चारागाह के लिए समाज व शहर को दान स्वरूप प्रदान की थी लेकिन पिछले कुछ वर्षो में असामाजिक तत्वों द्वारा उक्त भूमि पर अनाधिकृत कब्जे किये जा रहे है। राज्य सरकार कब्जे हटाने में असहाय सी लग रही है अब उन्हे पट्टे जारी कर कानूनी जामा पहनाने में लगी है जो कि राज्य सरकार की निबर्लता प्रदशिर्त कर रही हैं । उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीकानेर में पूवर्जों द्वारा गोचर भूमि के रूप में 27 हजार बीघा छोड़ी गयी 27 हजार बीघा में से सरकारों द्वारा आवंटन कर दिया गया है सबसे बड़ी अतिक्रमणकारी तो सरकारें ही रही हैं लगभग 23 हजार बीघा भूमि बची है जो कि अतिक्रमणियों के निशाने पर थी उसे पूर्व मंत्री देवी सिंह जी भाटी मसीहा के रूप में आगे आकर सुरक्षित रखने का निर्णय कर संकल्प लिया जिस कारण शहर के ही दानदाताओं व गौ पुत्रों व पशु प्रेमियों द्वारा अपने खर्च पर चालीस किलोमीटर दिवार बनाने का कार्य शुरू किया पूरे राज्य में एक मिसाल कायम की हैं साथ ही सम्पूर्ण राजस्थान में इस प्रकार की भूमियों को सुरक्षित करने के लिए समाज आगे आकर सुरक्षित रखने की प्रेरणा लेकर संकल्प लें रहे हैं लेकिन सरकार को यह रास नहीं आ रहा उक्त भूमि से कब्जाधारी भी स्वेच्छा से कब्जे हटाकर चारागाह की भूमि को पशुओं के लिए छोड़ दिया समाज तो चारागाह भूमियों को सुरक्षित रखना चाहता हैं लेकिन सरकार इसे खुर्दबुर्द करने पर उतारू हो गयी है।

माननीय न्यायालयों ने भी प्रदेश की सरकारों को गौचर-चारागाह, ओरण, पायतान तालाब पर किसी भी प्रकार के हुए अतिक्रमणों को हटाने के लिए निदेर्शित करते हुए उनकी भूमि संरक्षित रखने के लिए पाबंद किया है, राजस्थान के कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री ने पट्टे देने के आदेश से गौ माता गोवंस वन्य जीवों व पर्यावरण पर संकट खड़ा कर दिया है राज्य सरकार को अपने इस निणर्य को तुरन्त वापस लेंना होगा अन्यथा समाज को सड़कों पर उतरेगा।*

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