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बीकानेर,सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करवाने के लिए राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय के स्कूलों को हिंदी से इंग्लिश मीडियम में कन्वर्ट तो कर दिया, लेकिन बच्चों यहां इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तरह फैसिलिटी नहीं मिल रही है। हालात यह है कि इंग्लिश मीडियम स्कूल ओवर क्राउड हो रहे हैं। मजबूरी में एक ही क्लास रूम में दो-दो सेक्शन चलाने पड़ रहे हैं।

मामला मुरलीधर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का है। राज्य सरकार ने तीन साल पहले मुरलीधर स्थित स्कूल को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में कन्वर्ट किया था। शहरवासियों की मांग पर इस स्कूल में आठवीं तक की प्रत्येक कक्षा में दो सेक्शन किए गए है। हालात यह है कि तीन साल बाद ही स्कूल का नामांकन 750 के पार पहुंच चुका है।

लेकिन नामांकन के मुकाबले स्कूल के पास क्लासरूम उपलब्ध नहीं है। 13 कमरों के इस स्कूल में 12 कक्षाओं के 797 बच्चों की पढ़ाई के लिए आठ क्लास रूम में ही काम में लिए जा रहे हैं। शेष पांच कमरों में प्रिंसिपल रूम, आईसीटी लैब, अनाज भंडार, साइंस लैब, लाइब्रेरी चल रही है।

सेक्शन बढ़ाए, टीचर्स नहीं इसलिए बिगड़ा छात्र-टीचर अनुपात
राज्य सरकार ने आमजन की मांग पर इंग्लिश मीडियम स्कूल में सेक्शन तो बढ़ा दिए लेकिन टीचर की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की। नतीजा दोनों सेक्शन के स्टूडेंट्स को एक ही टीचर की ओर से पढ़ाया जा रहा है। जिससे छात्र शिक्षक अनुपात भी गड़बड़ा गया है। आरटीई के तहत 35 बच्चों पर एक शिक्षक का प्रावधान है। लेकिन इंग्लिश मीडियम स्कूल में 60 बच्चों को एक टीचर पढ़ा रहा है।

कमरों की कमी के चलते दो शिफ्ट में चल रहा स्कूल
स्टूडेंट्स की संख्या के मुताबिक कमरे नहीं होने के कारण इंग्लिश मीडियम स्कूल को दो शिफ्ट में चलाया जा रहा है। पहली शिफ्ट में सुबह 7.30 से 12.30 बजे 9वीं से 12वीं कक्षा और दूसरी शिफ्ट में 12.30 से 5.30 बजे पहली से 8वीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई हो रही है।

समस्या ये भी: प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाएं इसी सत्र से शुरू हुईं
इसी सत्र से मुरलीधर व्यास नगर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्री-प्राइमरी के बच्चों की पढ़ाई के लिए नर्सरी एलकेजी, यूकेजी की कक्षाएं भी शुरू होगी। जिसके बाद कमरों की और कमी खलेगी। हालांकि स्कूल प्रशासन ने समग्र शिक्षा के तहत तीन कमरे बनवाने के प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भिजवाए हैं लेकिन अभी तक प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। प्रत्येक क्लास में निर्धारित बच्चे 30 पहली से पांचवीं तक 35 छठी से आठवीं 60 9वीं से 12वीं तक

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