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बीकानेर,गणगौर फेस्टिवल की धूम देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है जहां इंग्लैंड की राजधानी लंदन में भी गणगौर के रंग देखने को मिल रहे है ऐसे में कुछ ऐसे तस्वीरे सामने आयी है जिसे देख आप भी झूम उठेंगे जहां राजस्थान के रंग में पूरा लंदन रंगा नज़र आ रहा है बीकानेर मूल के रहने वाले रवि अग्रवाल की अगुवाई में कार्यक्रम के रंग देखने को मिल रहे है ऐसे में गणगौर फेस्टिवल में देशवासी जमकर झूमते नज़र आ रहे है .

ऐसे में लंदन में राजस्थानी प्रवासी महिलाओं ने गणगौर उत्सव बड़े जोश और उत्साह के साथ मना रहे है राजस्थान एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड किंगडम (आरएयूके) द्वारा 2018 से आयोजित किया जाने वाला इस उत्सव ने पूरे ब्रिटेन में रहने वाले राजस्थानी समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक सेतु का काम किया है.

आरऐयूके के ट्रस्टी कुलदीप सिंह शेखवात ने बताया की इस कार्यक्रम में भारत के बाहर सबसे बड़ी गंवर -ईशर सवारी इंग्लैंड के हैरो में किंग्सबरी स्कूल मैदान में पारंपरिक लोक गीतों की धुन के साथ आयोजित की गई. डॉ अंजलि शर्मा और रेनू जोशी की अगवाई मे लंदन में गणगौर उत्सव राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं के साथ ढ़ोल नगाड़ो की धूम से शुरू हुआ . इस कार्यक्रम ने राजस्थानी सांस्कृतिक विरासत की सुंदरता से वैश्विक दर्शकों को भी मोहित किया और अपनी समृद्ध परंपराओं के लिए समुदाय के प्यार और स्नेह को मजबूत किया.

कार्यक्रम की मीडिया प्रभारी पुष्पा चौधरी ने बताया कि पूरे ब्रिटेन की राजस्थानी महिलाओ ने गणगौर उत्सव में बढ़ चढ़कर उत्साह से हिस्सा लिया. इस उत्सव में महिलाओं के नेतृत्व वाले महाघूमर का आयोजन भी किया गया. गणगौर उत्सव का एक प्रमुख आकर्षण मुंह में पानी लाने वाले राजस्थानी व्यंजन रहे,आगंतुकों को राजस्थानी कढ़ी, पकोड़ा, लापसी, पूरी, दाल, चावल, लहसुन की चटनी और पापड़ जैसे स्वादिष्ट राजस्थानी व्यंजन परोसे गया . यह कार्यक्रम निश्चित रूप से अपने समृद्ध और स्वादिष्ट अनुभव के साथ उपस्थित लोगों को राजस्थान ले गया.

इस आयोजन का एक और रोमांचक पहलू महिलाओं द्वारा पारंपरिक तरीकों से बनाए गए अभिनव पूजा के वीडियो हैं, जो उन लोगों का मार्गदर्शन करते हैं जो गणगौर उत्सव के लिए नए हैं या राजस्थानी नहीं हैं, लेकिन प्रेम और सुहाग के उत्सव गणगौर को मनाना चाहते हैं. ये वीडियो त्योहार की परंपराओं की सुंदरता और महत्व को समझा रहे थे. कार्यक्रम की समन्वयक राखी गहलोत ने बताया की राजस्थानी थीम को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं द्वारा की गई सजावट ने उत्सव के माहौल में चार चांद लगा दिए. सामूहिक रूप से 100 से भी ज्यादा महिलाओ ने गंवर -ईशर का विधिवत पूजन किया ,जो सभी को गवर पूजन की बचपनवाली याद दिलाता है. सभी ने एक साथ गणगौर से जुड़े पारंपरिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों का आनंद लिया.

लंदन में गणगौर उत्सव के दौरान राजस्थानी भाषा ही स्वाभाविक रूप से उपयोग में ली गई . इस उत्सव ने राजस्थानी भाषा ने प्रवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें उनकी संस्कृति और विरासत से भी जोड़ा. इस त्योहार के दौरान बच्चों को नए राजस्थानी वाक्य और कहावतें सीखने का अवसर भी मिला. सांस्कृतिक कार्यक्रम सिर्फ राजस्थानी भाषा में हुए . इस तरह, इस उत्सव ने राजस्थानी भाषाओ को समृद्ध बनाने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और विरासत के प्रति लोगों में संबद्धता बढ़ाई.

गणगौर कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान एसोसिएशन यूके की महिला स्वयंसेवकों की एक टीम द्वारा किया गया, जिसमें आंचल गोयल, भावना शर्मा, किरण नाथवत, रागिनी, अनुजा, सृष्टि भती, विजया दवे शामिल हैं. लंदन में गणगौर महोत्सव राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का एक सफल उत्सव था, जिसने उपस्थित लोगों पर एक चिरस्थायी प्रभाव छोड़ा . इस उत्सव ने राजस्थानी सांस्कृतिक विरासत की सुंदरता और अपनी समृद्ध परंपराओं के माध्यम से वैश्विक समुदाय को अपनेपन और स्नेह के साथ जोड़ा.

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