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वॉशिंगटन. दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क का स्टार्टअप न्यूरालिंक दिमागी चिप के इंसान में परीक्षण की तैयारी कर रहा है। मस्क का वादा है कि इस चिप की मदद से पक्षाघात का शिकार इंसान अपने दिमाग से उंगलियों के मुकाबले ज्यादा तेज गति से स्मार्टफोन चला सकेगा। मस्क ने 2016 में इस स्टार्टअप की सह-स्थापना की थी। इस चिप को पेजर नाम के बंदर और एक सुअर में पहले ही लगाया जा चुका है। उनमें यह काम कर रहा है। पिछले महीने मस्क ने उम्मीद जताई थी कि इस तकनीक की

मदद से वे लोग फिर चल सकेंगे, जो बीमारी की वजह से चल नहीं पाते हैं। उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ सही रहा तो न्यूरालिंक के नाम से शुरू किए गए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस स्टार्टअप का ह्यूमन ट्रायल इस साल के अंत तक शुरू

कर दिया जाएगा। चिप के इंसान में परीक्षण के लिए न्यूरालिंक ने क्लिनिकल ट्रायल डायरेक्टर की भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसमें कहा गया कि क्लिनिकल ट्रायल डायरेक्टर होने के नाते आपको सबसे प्रतिभावान डॉक्टरों, शीर्ष इंजीनियरों और न्यूरालिंक के पहले क्लिनिकल ट्रायल में शामिल इंसानों के साथ काम करना होगा।

गंभीर रोगों के इलाज में मदद

मस्क ने इस स्टार्टअप को 2016 में सैन फ्रांसिस्को में शुरू किया था। इसके जरिए अल्जाइमर, डिमेंशिया और रीढ़ की हड्डी की चोटों जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के इलाज में मदद के लिए मानव मस्तिष्क में एक कंप्यूटर इंटरफेस प्रत्यारोपित करने का लक्ष्य है। इस परियोजना का दीर्घकालीन लक्ष्य मनुष्यों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बीच संबंधों का पता लगाना है।

बंदर ने खेला वीडियो गेम

न्यूरालिंक प्रत्यारोपण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजी के कठिन कार्य कर रहा है। वह अमरीका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटिव के साथ संपर्क बनाए हुए है। मस्क ने निजी सोशल ऐप क्लबहाउस पर इंटरव्यू में कहा था कि न्यूरालिंक ने एक बंदर के मस्तिष्क में वायरलेस इम्प्लांट किया। इसके बाद उसने केवल अपने दिमाग की मदद से वीडियो गेम खेला।

 

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