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बीकानेर,जयपुर,दरी घोटाला कांड ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर पोल खोल दी है। संयुक्त अभिभावक संघ ने इस प्रकरण में संलिप्त विधायक और अन्य सभी भ्रष्ट विधायकों के कृत्य को जनप्रतिनिधि की गरिमा, शिक्षा व्यवस्था की पवित्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध बताते हुए उन्हें राजस्थान विधानसभा से तत्काल निष्कासित करने की कड़ी मांग की है। संघ ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से इस मामले में बिना किसी देरी के निष्पक्ष और सख्त निर्णय लेने का आग्रह किया है।

संघ का कहना है कि जब शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जनसेवक कहलाने वाले प्रतिनिधि ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे, तो आम जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा? ऐसे मामलों में राजनीतिक संरक्षण और मौन समर्थन भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देता है।

*संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता श्री अभिषेक जैन बिट्टू ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा* “दरी घोटाला कांड केवल एक घोटाला नहीं, बल्कि प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था में गहरी जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार का प्रतीक है। जब जनसेवक ही भ्रष्टाचार करेंगे तो उसे रोकेगा कौन? विधानसभा अध्यक्ष को नैतिक दायित्व निभाते हुए ऐसे भ्रष्ट विधायकों को तत्काल सदन से निष्कासित करना चाहिए। साथ ही विगत दो वर्षों में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सभी आदेशों और विधायकों द्वारा की गई सभी सिफारिशों की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।”

संयुक्त अभिभावक संघ ने स्पष्ट मांग की कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत जारी आदेशों के आधार पर हुए सभी क्रय, वितरण एवं प्रशासनिक निर्णयों की उच्चस्तरीय और स्वतंत्र जांच कराई जाए। इसके साथ ही विधायकों द्वारा की गई प्रत्येक सिफारिश की भूमिका की भी जांच हो, ताकि भविष्य में शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके।

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