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बीकानेर। त्यौहारी सीजन में मिलावटी मावा का कारोबार  चरम पर पहुंच चुका है। मिलावटखोरी के इस कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बीकानेर से हर रोज कई टन मिलावटी मावा तैयार हो रहा है, यह मावा देश प्रदेश के कई बड़े शहरों में सप्लाई किया जा रहा है। इस कारोबार की कमान में बीकानेर और फलौदी के मावा माफियाओं ने मिलकर संभाल रखी है। दिवाली के मौके पर बढ़ी मिठाईयों की मांग के कारण प्रमुख शहरों में रोज करोड़ों रुपए के मावे की खपत हो रही है। त्यौहारी मौके पर मोटी कमाई के लिये मावा माफिया बसों और नीजि वाहनों में नहीं बल्कि अब ट्रेनों के जरिये सप्लाई कर रहे है। जानकारी मिली है कि बसों में सप्लाई किये जाने वाला मावा पकड़े जाने के डर से मिलावट माफियाओं ने अब ट्रेनों में बुकिंग करानी शुरू कर दी है। इसके चलते बीकानेर के रेलवे पार्सल घर से हर रोज मावे के सैंकड़ो पीपे बुक हो रहे है। मावे के पीपों की सबसे ज्यादा बुकिंग मटका गली स्थित एक मावा कारोबारी द्वारा कराई जा रही है। ट्रेनों में जरिये सप्लाई होने वाले मावे की चैकिंग नहीं

होने होने के कारण बीकानेर के मावा माफियाओं के नेटवर्क से जुड़ा यह कारोबारी हर रोज सैंकड़ों क्विटंल मावा ट्रेनों में बुक करवाकर सप्लाई कर रहा है। हैरानी की बात तो यह शुरूआती दौर में प्रदेश के बड़े शहरों में मिलावटी मावा सप्लाई करने वाले बीकानेर के माफियाओं ने

अब उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बड़े शहरों से अपना नेटवर्क जोड़ लिया है। इन शहरों में ज्यादात्तर मावा लंबी दूरी की ट्रेनों के जरिये ही सप्ताई हो रहा है। ऐसे में बीकानेर शहर अब अब मिलावटी मावा के काले कारोबार के लिए कुख्यात हो रहा है।

बड़ा नेटवर्क कर रहा काम

मिलावटी मावे के हॅब बने बीकानेर मे मावा माफियाओं का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। पता चला है कि बीकानेर में मिलावटखोरों पर सख्ती कम होने के कारण अब नागौर के मिलावट माफिया भी यहां सक्रिय हो गये है। यह लोग दीपावली सीजन में बड़े पैमाने पर दुषित और मिलावटी मावा देशभर में सप्लाई कर रहे है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि दुषित और गुणवत्ता में कम होने के बाद भी देश प्रदेश के बड़े शहरों में मिलावटी मावा की जबर्दस्त डिमांड रहती है। ऐसे में बीकानेर के मावा माफियों ने कई कोल्ड स्टोर्स में सैकड़ों क्विंटल दूषित मावा स्टॉक कर रखा है। इनमें से कुछ मावा के बड़े कारोबारी हैं। जो मिलावटी मावा बनाने में माहिर माने जाते है, यह माफिया वनस्पति घी, रिफाइंड, स्टार्च, आलू के साथ ही कुछ केमिकल से नकली मावा बना लेते है।

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